BDC चुनावों से पहले रिहा किए गए जम्मू के नेता, घाटी के नेता अभी भी नजरबंद
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हिरासत में लिए गए जम्मू के सभी नेताओं को रिहा कर दिया है। हालांकि, घाटी के तमाम नेता अभी भी हिरासत में हैं और उनकी रिहाई को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली है। जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म होने के लगभग दो महीनों बाद तक हिरासत में बंद इन नेताओं को 24 अक्तूबर को राज्य में होने वाले ब्लॉक डेवलेपमेंट काउंसिल (BDC) चुनावों से पहले रिहा किया गया है। आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।
रिहा हुए नेताओं पर नहीं होंगे कोई प्रतिबंध
एक आधिकारिक सूत्र ने NDTV कोे बताया कि हिरासत में बंद जम्मू के नेताओं को रिहा कर दिया गया है और उन पर लागू प्रतिबंध हट गए हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता देवेंद्र राणा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, "मुझे कल शाम एक पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी कि मेरे घूमने-फिरने पर किसी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं होगी।" सूत्रों ने कहा कि राज्य में चुनावों को देखते हुए जम्मू इलाके के नेताओं को रिहा किया गया है।
ये नेता हुए हिरासत से आजाद
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के इस फैसले के बाद देवेंद्र सिंह राणा समेत रमन भल्ला, हर्षदेव सिंह, चौधरी लाल सिंह, विकार रसूल, जावेद राणा, सुरजीत सिंह स्लाथिया और सज्जाद अहमद किचलू को हिरासत से रिहा किया गया है।
हिरासत में बंद हैं राज्य के बड़े नेता
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए विशेष राज्य के दर्जे को खत्म कर दिया था। इसके बाद विरोध-प्रदर्शनों की संभावना को देखते हुए सरकार ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत 400 से ज्यादा नेताओं को हिरासत में ले लिया था। सरकार ने फारुक अब्दुला को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में रखा है, जिसमें बिना ट्रायल किसी को तीन से छह महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है।
राज्य में 24 अक्तूबर को होंगे चुनाव
राज्य में 24 अक्तूबर को ब्लॉक डेवलेपमेंट काउंसिल (BDC) के लिए चुनाव होंगे। BDC चुनावों में पंच और सरंपच मिलकर एक चेयरमैन का चुनाव करते हैं, जिसके बाद डिस्ट्रिक्ट डेवलेपमेंट बोर्ड (DDB) का गठन होता है। हर DDB में इलाके के सांसद और विधायकों के अलावा BDC चेयरमैन होते हैं। ये बोर्ड पंचायती राज कानून के तहत जिले में विकास कार्य करवाने में अहम भूमिका निभाता है। 24 अक्तूबर को राज्य के कुल 310 ब्लॉक में चुनाव होंगे।
पंच और सरपंचों के कई पद खाली
पिछले साल अक्तूबर में जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव हुए थे। इन चुनावों में 23,629 पंच और 3,652 सरपंच चुने गए थे। आधिकारिक आकंडों की माने तो अभी भी 61 प्रतिशत वार्ड में कोई पंच नहीं है। कुल 18,833 वार्ड में से केवल 7,596 वार्ड में पंच चुने गए हैं। वहीं 45 प्रतिशत पंचायतों में कोई सरपंच नहीं है। कुल 2,375 पंचायतों में से केवल 1,558 पंचायतों में सरपंच चुने गए थे। इनमें से अधिकतर बिना चुनाव लड़े जीत गए थे।