केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, 10 सरकारी बैंको का विलय होकर बनेंगे चार बड़े बैंक
क्या है खबर?
संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए केंद्र सरकार ने सरकारी बैंकों पर बड़ा फैसला लिया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए 10 सरकारी बैंकों का विलय करके चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की।
सरकार के इस फैसले के बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह जाएगी।
इससे पहले अपने पहले कार्यकाल में भी मोदी सरकार दो बार बैंकों के विलय की घोषणा कर चुकी है।
घोषणा
कौन सा बैंक किसके साथ मिलेगा?
वित्त मंत्री सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक को मिलाकर एक बैंक बनाया जाएगा और 17.95 लाख करोड़ रुपये के बिजनस के साथ ये देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा।
वहीं, केनरा बैंक का सिंडिकेट बैंक के साथ विलय किया जाएगा और 15.20 लाख करोड़ रुपये के बिजनस के साथ ये देश का चौथा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनेगा।
अन्य बैंक
इन बैंकों का भी होगा विलय
इसके अलावा सीतारमण ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक के साथ विलय का ऐलान किया। ये देश का पांचवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा।
अन्य दो बैंक जिन्हें मिलाकर एक किया जाएगा, उनमें इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक शामिल हैं। 8.08 करोड़ रुपये के बिजनस के साथ ये देश का सातवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनेगा।
इस तरह 10 सरकारी बैंकों का आपस में विलय करके 4 बड़े बैंक बना दिए गए हैं।
बैंकों का विलय
पहले कार्यकाल में दो बार बैंकों का विलय कर चुकी है सरकार
सीतारमण ने कहा कि आज की घोषणा के बाद भारत में सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह जाएगी।
बता दें कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाम में दो बार सरकारी बैंको का विलय किया गया था।
सबसे पहले अप्रैल 2017 में 5 सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का भारतीय स्टेट बैंक में विलय कर दिया गया।
इसके बाद अप्रैल 2019 में देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा को मिलाकर एक बैंक बना दिया गया।
जानकारी
घोषणा से पहले थे 18 सरकारी बैंक
इन दो विलयों के बाद सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 18 रह गई थी, जो इससे पहले 27 थी। अब 10 सरकारी बैंकों को मिलाकर 4 बड़े बैंक बनाने की इस घोषणा के बाद ये संख्या 18 से घटकर 12 रह जाएगी।
अन्य ऐलान
नीरव मोदी और माल्या जैसे घोटाले रोकने के लिए भी बड़ा ऐलान
सीतारमण ने बैंकों में लोन और कर्ज संबंधी घोटालों को रोकने के लिए भी एक बड़ा ऐलान किया।
उन्होंने बताया कि 250 करोड़ से ऊपर के हर लोन की निगरानी के लिए विशिष्ट एजेंसियां बनाई गई हैं।
नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे भगोड़े कारोबारी बैंकों से कर्ज लेकर ही भागे हैं।
सीतारमण ने बताया कि नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) 8.65 लाख करोड़ रुपये से घटकर 7.90 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है।
बुरी खबर
अप्रैल-जून तिमाही में 5 प्रतिशत रही GDP विकास दर
सीतारमण की इन घोषणा के बीच GDP विकास दर पर सरकार की रिपोर्ट आई है।
इसके अनुसार, 2019-20 के पहले तिमाही (अप्रैल-जून) में विकास दर 5 प्रतिशत रही। 2018-19 में ये 8 प्रतिशत थी।
अर्थव्यवस्था की सुस्ती पर पहले ही गंभीर सवालों का सामना कर रही सरकार के लिए ये आंकड़ा बड़ी परेशानी खड़ा कर सकता है।
विपक्ष मौके को भुनाते हुए मोदी सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगा।