जम्मू-कश्मीरः तीन हफ्तों में सामने आए कानून-व्यवस्था के 280 मामले, पैलेट गन से 80 लोग चोटिल
जम्मू-कश्मीर में विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद के तीन हफ्तों में कानून-व्यवस्था से जुड़े 280 मामले सामने आए हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने पुलिस की आंतरिक रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि ये घाटी के 10 जिलों के आंकड़ें हैं। इनमें सबसे शीर्ष पर श्रीनगर है, जहां कानून-व्यवस्था से जुड़े 160 मामले सामने आए हैं। बता दें कि केंद्र सरकार लगातार जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य होने का दावा करती रही है।
पैलैट गन से घायल हुए 80 लोग
इस रिपोर्ट के मुताबिक, पैलेट गन के इस्तेमाल से कम से कम 80 लोग घायल हुए हैं। इनमें से दो इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जहां भी कानून का उल्लंघन हुआ है, उन्हें ऐसे मामलों में गिना गया है। चाहे वो किसी ने बैरिकेड लगाकर रास्ता रोका हो या किसी ने दूसरे नागरिक के साथ झगड़ा किया हो। उन्होंने बताया कि कुछ घटनाओं में सुरक्षाबलों के साथ भी झड़पें हुई हैं।
श्रीनगर में सबसे ज्यादा मामले
जम्मू-कश्मीर पुलिस की आंतरिक रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीनगर में सबसे ज्यादा 160 ऐसे मामले सामने आए हैं। इसके बाद पुलवामा और बारामूला का नंबर है, जहां क्रमशः 22 और 18 मामले दर्ज किए गए हैं। घाटी में 17 अगस्त को सबसे ज्यादा 24 ऐसे मामले दर्ज किए गए थे। एक अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं, लेकिन यहां 10-15 लोग ही हैं, जो कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं।
घाटी में जारी है कड़ी पाबंदियां
इस महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का फैसला किया था। इसके विरोध में श्रीनगर में सबसे ज्यादा सफाकदल, सौरा और निगीन में विरोध प्रदर्शन हुए। हालांकि, विरोध की संभावना को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य में कड़े प्रतिबंध लागू किये थे। इसके बावजूद कुछ लोग बाहर आकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
शुक्रवार को फिर कड़े किए गए प्रतिबंध
प्रशासन ने शुक्रवार को एक बार फिर घाटी में प्रतिबंध कड़े कर दिए। नमाज के बाद पत्थरबाजी की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने लोगों के बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिए। शुक्रवार को श्रीनगर की जामा मस्जिद में भी नमाज नहीं पढ़ी गई।
श्रीनगर में क्यों सामने आए सबसे ज्यादा मामले?
एक अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर में सबसे ज्यादा मामले सामने आने की वजह यहां की ज्यादा जनसंख्या भी है। यहां लगभग 17.5 लाख लोग रहते हैं जो घाटी की कुल जनसंख्या का 20 फीसदी हिस्सा है। साथ ही उन्होंने कहा कि श्रीनगर की स्थिति को समझ पाना थोड़ा मुश्किल है। बाकी जिलों में अधिकारियों को पता रहता है कि किन इलाकों में कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। इसलिए वो समय रहते स्थिति काबू कर लेते हैं।