
जम्मू-कश्मीर पर केंद्र सरकार के फैसलों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे शाह फैसल और शहला राशिद
क्या है खबर?
पूर्व IAS अधिकारी और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के प्रमुख शाह फैसल और शहला राशिद ने केंद्र सरकार द्वारा राज्य का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई हैं।
इस याचिका में फैसल और राशिद समेत सात लोगों ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और राज्य के पुनर्गठन को चुनौती दी है।
सुनवाई
बुधवार को होगी सुनवाई
फैसल और राशिद की तरफ से दायर इस याचिका और इस मामले पर दी गई दूसरी सभी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई होगी।
फैसल और राशिद दोनों ही मुखर रूप से केंद्र के फैसले का विरोध कर रहे हैं।
इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) भी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी है।
पार्टी के सांसद अकबर लोन और हसनैन मसूदी ने केंद्र सरकार के इन फैसलों को 'गैरकानूनी' बताते हुए चुनौती दी थी।
NC की याचिका
याचिका में NC ने कही यह बात
नेशनल कान्फ्रेंस ने अपनी याचिका में कहा है कि जम्मू-कश्मीर को संविधान के तहत विशेष दर्जा दिया है और राष्ट्रपति द्वारा इसे निरस्त करने का आदेश अवैध है क्योंकि ऐसा करने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा की सहमति नहीं ली गई।
वहीं सरकार का कहना है कि चूंकि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है, इसलिए विधानसभा की सारी शक्तियां संसद के पास है। इसलिए संसद इस मामले में कदम उठा सकती है।
याचिका
जम्मू-कश्मीर विधानसभा की नहीं ली गई सहमति
याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रपति खुद केंद्रीय मंत्रीमंडल की सलाह पर काम कर रहे हैं इसलिए यह तर्क हुआ कि संवैधानिक संस्था एक आधारभूत सरंचना में बदलाव करने के लिए खुद की सहमति ले रही है और इसके लिए उस बदलाव से प्रभावित होने वाले लोगों की सलाह नहीं ली गई।
याचिका में इस कदम को 'मनमाना' और 'कानून के नियम के विपरित' बताया गया है।
वहीं कई संविधान विशेषज्ञ भी ऐसी बातें कह चुके हैं।
याचिका
सुप्रीम कोर्ट में पहले भी दायर है याचिका
इससे पहले अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने अदालत में अनुच्छेद 370 पर राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका दायर की थी।
उन्होंने इस पर तत्काल सुनवाई करने की मांग की थी। सर्वोच्च अदालत ने उनकी इस मांग को ठुकराते हुए कहा कि उनकी याचिका पर नियत समय पर सुनवाई होगी।
इस मामले में राष्ट्रपति का आदेश जारी होने के बाद से ही इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती मिलने का अंदेशा लगाया जा रहा था।
आदेश
क्या है राष्ट्रपति के आदेश में?
राष्ट्रपति ने अपने आदेश में अनुच्छेद 370 के खंड 1(d) के तहत प्राप्त शक्तियों का उपयोग करते हुए भारत का पूरा संविधान जम्मू-कश्मीर में लागू करने का आदेश जारी किया था।
अनुच्छेद 370 के खंड 1(d) के अनुसार, राष्ट्रपति जम्मू-कश्मीर सरकार की सहमति से भारतीय संविधान के प्रावधानों को जम्मू-कश्मीर में लागू कर सकते हैं।
राष्ट्रपति के आदेश में लिखा है कि यह आदेश जम्मू-कश्मीर सरकार की सहमति से जारी किया है।