
पांच से दस लाख कमाने वाले लोगों को मिल सकती है टैक्स में बड़ी राहत, जानें
क्या है खबर?
पांच लाख से दस लाख कमाने वाले करदाताओं को 20 प्रतिशत टैक्स से छूट मिल सकती है।
डायरेक्ट टैक्स कोड पर टास्क फोर्स ने सरकार को इस टैक्स स्लैब में आने वाले करदाताओं पर टैक्स की दर आधी यानि 10 प्रतिशत करने का सुझाव दिया है।
मामले में गेंद अब केंद्र सरकार के पाले में है और अगर वह इस सुझाव को स्वीकार कर लेती है तो मध्यम वर्ग को एक बड़ी राहत मिलेगी।
रिपोर्ट
टैक्स स्लैब में बदलाव का भी सुझाव
मामले से संबंधित दो व्यक्तियों ने गोपनीयता की शर्त पर 'हिंदुस्तान टाइम्स' को ये जानकारी दी।
टास्क फोर्स ने पिछले हफ्ते सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें टैक्स रेट कम करने के साथ-साथ टैक्स स्लैब की संख्या चार से पांच करने का सुझाव भी दिया गया है।
संबंधित व्यक्तियों ने बताया कि ये महज एक सुझाव है और सरकार, जोकि टैक्स से आमदनी बढ़ाने में जुटी हुई है, वह इसे स्वीकार करेगी ये साफ नहीं है।
सुझाव
2.5 लाख से 10 लाख तक एक स्लैब बनाने का सुझाव
रिपोर्ट में पहले टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
इस स्लैब में 2.5 लाख तक की आमदनी वाले लोग आते हैं और उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होता।
वहीं 2.5 लाख से 5 लाख के दूसरे टैक्स को बदल कर 2.5 लाख से 10 लाख करने और इस पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाने का सुझाव दिया गया है।
5 लाख तक की आमदनी पर मिलने वाली टैक्स माफी को बनाए रखने की बात इसमें कही गई है।
जानकारी
अभी लगता है इतना टैक्स
अभी 2.5 लाख से 5 लाख तक पांच प्रतिशत टैक्स और 5 लाख से 10 लाख तक की आमदनी पर 20 प्रतिशत टैक्स लगता है। अपने बजट में मोदी सरकार ने 5 लाख तक की आमदनी तक पूरा टैक्स माफ करने का ऐलान किया था।
बदलाव
अन्य टैक्स स्लैबों मे इन बदलावों की सिफारिश
रिपोर्ट में 10 लाख से 20 लाख तक तीसरा टैक्स स्लैब रखने की बात कही गई है, जिस पर 20 प्रतिशत टैक्स लगेगा।
अभी 10 लाख से अधिक आमदनी पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होता है।
20 लाख से 2 करोड़ तक चौथा टैक्स स्लैब बनाने का सुझाव दिया गया है, जिस पर 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा।
वहीं, पांचवें टैक्स स्लैब में 2 करोड़ से ऊपर की आमदनी वाले लोगों को रखा गया है, जिन पर 35 प्रतिशत टैक्स लगेगा।
जानकारी
अभी सरकार ने नहीं की रिपोर्ट की समीक्षा
एक सरकारी अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर 'हिंदुस्तान टाइम्स' को बताया कि टास्क फोर्स की रिपोर्ट की अभी समीक्षा नहीं हुई है और ये जरूरी नहीं है कि सभी सुझावों को माना ही जाए।
प्रतिक्रिया
विशेषज्ञों ने किया सिफारिशों का स्वागत
CA जितेंद्र छाबरा ने टास्क फोर्स के इन सुझावों को अच्छा बताया है।
उन्होंने कहा, "सिफारिशों में हर करदाता के लिए कुछ न कुछ है। लेकिन उन्हें कितना फायदा होगा इसका सटीक अंदाजा तभी लगाया जा सकता है, जब पता लगे कि पैनल ने सैस और सरचार्ज हटाने का सुझाव दिया है या नहीं।"
अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि इससे लोगों की जेब में पैसा जाएगा और खर्च की उनकी क्षमता बढ़ने से अर्थव्यवस्था में गति आएगी।