भारत में रोटेशन के आधार पर होनी चाहिए चार राजधानियां- ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल में शनिवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर उनकी विरासत को लेकर भाजपा और सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच जुबानी जंग देखने को मिली। कोलकाता में छह किलोमीटर लंबा मार्च निकालने के बाद मुख्यमंत्री बनर्जी ने बोस की जयंती के दिन को राष्ट्रीय अवकाश नहीं घोषित करने पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। इसके अलावा उन्होंने देश में रोटेशन के आधार पर चार राजधानियां बनाए जाने की बात भी कही।
मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, "मैं नेताजी की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित नहीं करने के केंद्र के फैसले का विरोध करती हूं। आप नई संसद बना रहे हैं, नए विमान खरीद रहे हैं, लेकिन नेताजी के नाम पर कोई स्मारक क्यों नहीं हैं?" उन्होंने कहा, "आप किसी पोर्ट का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रख सकते हैं, हमें कोई आपत्ति नहीं, लेकिन मैंने खुद राजीव गांधी से कहकर कोलकाता एयरपोर्ट का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस करवाया था।"
इस दौरान मुख्यमंत्री बनर्जी ने नेताजी द्वारा परिकल्पित योजना आयोग को खत्म करने और इसे नीति आयोग के रूप में बदलने के केंद्र सरकार के फैसले की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि केंद्र को फिर से योजना आयोग की स्थापना करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, "मेरा मानना है कि भारत में रोटेशन प्रणाली के आधार पर चार राजधानियां होनी चाहिए। अंग्रेजों ने पूरे देश पर कोलकाता से शासन किया था तो हमारे देश में केवल एक ही राजधानी क्यों होनी चाहिए।" उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा 'देशनायक दिवस' को 'पराक्रम दिवस' करने पर भी तंज कसते हुए कहा, "पराक्रम दिवस का क्या अर्थ है? यदि आप मुझसे परामर्श नहीं करना चाहते, तो आप सुगता बोस से परामर्श कर सकते थे?"
बता दें कि मुख्यमंत्री बनर्जी का यह मार्च शक्ति प्रदर्शन की तरह था। इस मार्च के पीछे उनका प्रमुख उद्देश्य चुनाव से पहले अपनी छवि चमकाने का रहा। इस दौरान उन्होंने नेताजी सुभाष चंद बोस का मुद्दा उठाकर लोगों के दिलों में मजबूत जगह बनाने का भी प्रयास किया। हालांकि, केंद्र सरकार पर इतने सवाल दागने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और राज्यपाल जदगीप धनकड़ के साथ विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा भी लिया।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने और इस दौरान आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर में कोलकाता पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले नेताजी भवन पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने नेशनल लाइब्रेरी पहुंचकर एक संग्रहालय का उद्घाटन किया। यहां से वह विक्टोरिया मेमोरियल में नेताजी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए रवाना हो गए।
इधर, विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंची मुख्यमंत्री बनर्जी ने भाषण देने से इनकार कर दिया। दरअसल, जब वह भाषण देने मंच पर पहुंची तो भीड़ ने जयश्री राम के नारे लगाना शुरू कर दिया। इससे नाराज होकर उन्होंने भाषण देने से इनकार कर दिया और कहा कि उन्होंने कहा कि अगर आपने किसी को आमंत्रित किया है तो इस तरह अपमान नहीं किया जा सकता है। सरकारी कार्यक्रम की गरीमा होनी चाहिए।
#WATCH: Children and band perform in presence of PM Narendra Modi at Victoria Memorial in Kolkata. #NetajiSubhashChandraBose pic.twitter.com/X73A6JWJB3
— ANI (@ANI) January 23, 2021
नेताजी को श्रद्धांजलि देने के बाद प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, 'उनकी बहादुरी और आदर्श हर भारतीय को प्रेरित करते हैं। भारत में उनका योगदान अमिट है। भारत ऐसे महान नेताजी सुभाष चंद्र बोस को नमन करता है।'
प्रधानमंत्री मोदी विक्टोरिया मेमोरियल में कहा कि आज के दिन मां भारती की गोद में नेताजी जैसे वीर सपूत ने जन्म लिया था। जिन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी सत्ता के सामने खड़े होकर कहा था, 'मैं तुमसे आजादी मांगूंगा नहीं, छीन लूंगा'। उन्होंने आगे कहा, "मैं नेता जी की 125वीं जयंती पर उन्हें नमन करता हूं। नेताजी फौलादी इरादों वाले व्यक्ति थे। उनके लिए कुछ भी असंभव नहीं था। उन्होंने विदेशों में रहने वाले भारतीयों की चेतना को झकझोरा था।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज भारत का एक-एक व्यक्ति नेताजी का ऋणी है। नेताजी किसके लिए जीवन भर इतना रिस्क उठाते रहे- हमारे और आपके लिए। वो कई-कई दिनों तक आमरण अनशन और महीनों तक जेल में किसके लिए सजा भुगतते रहे- आपके और हमारे लिए।" उन्होंने आगे कहा, "नेताजी जिस भी स्वरूप में हमें देख रहे हैं, हमें आशीर्वाद दे रहे हैं। उन्होंने जिस भारत की कल्पना की थी, उसे आज दुनिया देख रही है।"