देशव्यापी आंदोलन की धमकी को देखते हुए कृषि कानूनों में संशोधन कर सकती है सरकार- रिपोर्ट
नए कृषि कानूनों को वापस लेने सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों की सरकार से पांचवें दौर की वार्ता से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने आवास पर एक अहम बैठक ली। इसमें प्रधानमंत्री मोदी और अन्य मंत्रियों ने सितंबर में लागू किए गए विवादास्पद कृषि कानूनों में संशोधन की संभावना पर चर्चा की। बता दें कि इन्हीं कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
कानूनों में संशोधन कर सकती है केंद्र सरकार- रिपोर्ट
सूत्रों ने NDTV को बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री मोदी के आवास पर अहम बैठक की है। इसमेें कानूनों में संशोधन पर चर्चा हुई और माना जा रहा है कि सरकार इस पर अमल भी ला सकती है। प्रधानमंत्री मोदी ने दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में किसानों से होने वाली बैठक से पहले कृषि मंत्री तोमर और पीयूष गोयल को इन संशोधनों की जानकारी दी है।
क्या है किसानों के विरोध का कारण?
कृषि कानूनों को लेकर पिछले कई महीनों से विरोध कर रहे किसानों ने गत एक सप्ताह से अपने आंदोलन को तेज कर दिया है। उन्होंने गत दिनों सरकार के खिलाफ 'दिल्ली चलो' मार्च का आह्वान किया था। किसानों को डर है कि APMC मंडियों के बाहर व्यापार की अनुमति देने वाले कानून मंडियों को कमजोर कर देंगे और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भी नहीं मिलेगा। इसके चलते कॉरपोरेट जगह के लोग किसानों का शोषण करेंगे।
किसानों ने दी 8 दिसंबर को देशव्यापी बंद की चेतावनी
किसानों ने 8 दिसंबर को देशव्यापी बंद का आह्वान किया है और दिल्ली की ओर जाने वाली सभी सड़कों को अवरुद्ध करने की धमकी दी है। किसानों ने पहले ही राष्ट्रीय राजधानी के कई रास्तों को बंद कर दिया है। इसी तरह करीब एक करोड़ ट्रक ड्राइवरों का प्रतिनिधित्व करने वाले ऑल-इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने भी 8 दिसंबर से हड़ताल का आह्वान किया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी देशव्यापी आंदोलन की धमकी दी है।
कुछ मांगों पर विचार कर रही है सरकार
सरकार ने नए कानूनों का बचाव करते हुए दावा किया है कि इससे किसानों को फायदा होगा। इसके अलावा सरकार ने किसानों को MSP व्यवस्था जारी रहने का भी आश्वासन दिया है। हालांकि, लिखित में आश्वासन देने से इनकार कर दिया है। कृषि मंत्री तोमर ने मंगलवार को कहा था कि सरकार कुछ मांगों पर विचार करेगी। जिनमें APMC मंडियों को और मजबूत बनाना, अदालतों में शिकायतों का निवारण और पराली जाना आदि शामिल है।
सरकार ने कही किसानों को भ्रमित किए जाने की बात
सरकार का कहना है कि किसानों को भ्रमित किया जा रहा है। मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा, "केंद्र के साथ आज की बैठक में किसानों की शंकाओं को दूर किया जाएगा। यह विपक्ष की राजनीति है, वह किसानों को विरोध के लिए उकसा रहा है।"
अनिर्णायक रही है अब तक की वार्ता
किसानों और सरकार के बीच अब तक चार दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं निकला है। इस सप्ताह में वार्ता के दो दौर हो चुके हैं। मंगलवार को हुई वार्ता के दौरान किसानों ने कानूनों को लेकर 39 बिंदु बताए थे। किसानों ने कानूनों में किसी भी तरह का संशोधन करने की जगह उन्हें वापस लेने की मांग की है।इस बीच, सरकार ने किसानों से विरोध प्रदर्शन बंद करने की अपील की है।