ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फारूक अब्दुल्ला को तलब किया, पार्टी का भाजपा पर निशाना
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फिर से प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निशाने पर आ गए हैं। एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया है और 31 मई को चंडीगढ़ में उपस्थित होने को कहा है। इसको लेकर अब्दुल्ला की पार्टी ने भाजपा पर निशाना साधाते हुए कहा कि विपक्ष को सरकार के विरोध की कीमत चुकानी पड़ती है और यह समन उसी का परिणाम है।
ED ने किस मामले में भेजा है नोटिस?
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, ED ने अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (JKCA) से जुड़े 113 करोड़ के धोखाधड़ी के मामले में तलब किया है। इस मामले में 2020 में JKCA के महासचिव मोहम्मद सलीम खान और पूर्व कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा सहित कई पूर्व पदाधिकारियों पर भी मामला दर्ज किया गया है। उस दौरान ED ने आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला ने अतीत में JKCA अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए पद का दुरुपयोग किया था।
ED ने लगाया था BBCI से प्रायोजित धन को लूटने का आरोप
इस मामले में साल 2020 में ED ने आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला ने 2001 से 2011 के बीच JKCA अध्यक्ष के पद का दुरुपयोग करते हुए कई नियुक्तियां की थी। उन नियुक्तियों का उद्देश्य भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के प्रायोजित धन हासिल करना था। इसको लेकर ED ने उन्हें कई नोटिस जारी किए थे, लेकिन अब्दुल्ला ने नोटिसों को जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। उसके बाद से ही मामला चल रहा है।
ED ने कुर्क की थी अब्दुल्ला की 11.86 करोड़ रुपये की संपत्ति
इस मामले में ED ने साल 2020 में आरोपियों की कुल 14.32 करोड़ रुपये की संपत्ति भी कुर्क की थी। इसमें अब्दुल्ला की 11.86 करोड़ रुपये कीमत की दो तथा अहसान मिर्जा और मीर मंजूर गजनफर की 2.46 करोड़ रुपये की संपत्ति शामिल थी। इस कार्रवाई के बाद अब्दुल्ला ने कहा था कि ED की तरफ से कुर्क की गई संपत्तियां कथित आपराधिक गतिविधियों से संबंधित नहीं हैं। उन्होंने मूल अधिकारों के हनन का भी आरोप लगाया था।
विपक्ष को चुकानी पड़ती है विरोध की कीमत- इमरान डार
अब्दुल्ला को ED की ओर से तलब किए जाने पर नेशनल कांफ्रेंस के प्रवक्ता इमरान डार ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, "हर बार जब किसी राज्य में चुनावों की घोषणा होने की उम्मीद होती है तो जांच एजेंसियां भाजपा के लिए रास्ता साफ करने में जुट जाती है। इस बार भी ऐसा ही प्रतीत होता नजर आ रहा है। इस सरकार का विरोध करने के लिए सभी विपक्षी दलों को इसी तरह कीमत चुकानी पड़ती है।"
"अब्दुल्ला करेंगे एजेंसी का सहयोग"
प्रवक्ता डार ने कहा, "डॉ अब्दुल्ला ने मामले में अपनी बेगुनाही बरकरार रखी है और जांच एजेंसियों का सहयोग किया है। वह आगे भी ऐसा ही करेंगे। यह कोई संयोग नहीं है कि अब्दुल्ला पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन गठबंधन दलों से जुड़े हुए हैं।"