महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका, वर्ली इलाके के 3,000 शिवसेना कार्यकर्ता शिंदे गुट में शामिल
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में अपनों की बगावत के कारण सत्ता गंवाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के साथ चल रही असली शिवसेना की लड़ाई के बीच एक और बड़ा झटका लगा है।
मुंबई के वर्ली इलाके से शिवसेना के करीब 3,000 कार्यकर्ता रविवार को शिंदे गुट में शामिल हो गए।
यह शिवसेना पर अधिकार की लड़ाई में शिंदे गुट की बड़ी जीत मानी जा रही है। इसका कारण है कि आदित्य ठाकरे वर्ली इलाके से विधायक हैं।
दामन
शिंदे गुट में एकसाथ शामिल हुए सभी कार्यकर्ता
इंडिया टुडे के अनुसार, एकनाथ शिंदे गुट में शामिल होने से पहले सभी 3,000 से अधिक कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग बैठक की और फिर मौजूदा हालात में शिंदे गुट का समर्थन करने का निर्णय किया।
इसके बाद सभी कार्यकर्ताओं ने आधिकारिक रूप से शिंदे गुट में शामिल होने का ऐलान कर दिया।
कार्यकर्ताओं ने यह निर्णय ठाकरे गुट द्वारा आयोजित की जाने वाली दशहरा रैली से पहले आया है। ऐसे में ठाकरे गुट का संख्या बल और कम हो गया है।
अनुमति
ठाकरे गुट को दहशरा रैली के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट से मिली थी अनुमति
असली शिवसेना की लड़ाई के बीच हाल ही में दोनों गुटों के बीच दशहरा रैली की मेजबानी करने का भी विवाद सामने आया था।
दोनों गुटों ने बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) को अलग-अलग पत्र सौंपे थे। हालांकि, BMC ने कानून व्यवस्था का हवाला देकर अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
इसके बाद दोनों गुट बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचे थे, जहां हाई कोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट को 2 से 6 अक्टूबर तक रैली आयोजित करने की अनुमति दी थी।
पृष्ठभूमि
शिंदे गुट की बगावत के बाद ठाकरे को देना पड़ा था इस्तीफा
शिवसेना की इस आंतरिक लड़ाई की शुरूआत पिछले महीने एकनाथ शिंदे की बगावत के साथ हुई। शिंदे ने शिवसेना के 54 में से 39 विधायकों के साथ बगावत कर दी थी।
इस बगावत से महा विकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार अल्पमत में आ गई और 29 जून को ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
इसके बाद शिंदे ने 30 जून को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। अभी उनके साथ 40 शिवसेना विधायक हैं।
झटका
असली शिवसेना के मामले में ठाकरे गुट को लगा है झटका
29 सितंबर को ठाकरे गुट को सुप्रीम कोर्ट से असली शिवसेना के मामले में बड़ा झटका लगा था।
शिंदे गुट की ओर से चुनाव आयोग में याचिका दायर करने के बाद ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट से आयोग की कार्यवाही पर रोक की मांग की थी।
इसको लेकर कोर्ट की साधारण पीठ ने रोक लगाते हुए मामले को संविधान पीठ के पास भेज दिया था।
मंगलवार को संविधान पीठ ने आयोग की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।