नोए़़डा: सुपरटेक टावरों को गिराने की तैयारियां अंतिम चरण में, 3,500 किलो विस्फोटक का होगा इस्तेमाल
दिल्ली से सटे नोएडा में बने सुपरटेक के दो टावरों को गिराने की तारीख नजदीक आ रही है और इसके लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन दोनों अवैध टावरों को 28 अगस्त को 2.30 मिनट पर ढहा दिया जाएगा। पहले इसके लिए 21 अगस्त का दिन निर्धारित किया गया था, लेकिन बाद में नोएडा अथॉरिटी की मांग पर इसे सात दिन आगे बढ़ा दिया गया।
एक टावर में विस्फोटक लगाने का काम पूरा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक टावर में विस्फोटक लगाने का काम पूरा हो चुका है, जबकि दूसरे में जारी है। दोनों टावरों को विस्फोट कर गिराया जाएगा। इसके लिए दोनों में करीब 9,400 छेद कर 3,500 किलोग्राम विस्फोटक भरा जाएगा। आसपास की इमारतों को नुकसान से पहुंचने से रोकने के लिए सभी जरूरी ऐहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। 100 मीटर ऊंचे इन टावरों को गिराने का काम एडिफिस इंजीनियरिंग नामक एजेंसी को सौंपा गया है।
आसपास के घर खाली करने को कहा गया
इन टावरों के आसपास बने एमराल्ड कोर्ट और ATS विलेज सोसायटीज के करीब 5,000 निवासियों को 28 अगस्त की सुबह 7.30 बजे तक घर खाली करने को कहा गया है। शाम 4.30 बजे के बाद ये लोग वापस अपने घरों में लौट सकेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि इन दोनों हाउसिंग सोसायटीज में रहने वाले लोगों के 1,200 वाहनों को भी परिसर से हटाया जाएगा। उन्हें नोएडा के बोटेनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन पर पार्किंग की जगह मुहैया करवाई जाएगी।
30 मिनट के लिए बंद रहेगा एक्सप्रेस-वे
28 अगस्त को दोपहर 2.15 बजे से लेकर 2.45 बजे तक नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे बंद रहेगा। इस आधे घंटे के दौरान इलाके में किसी भी वाहन, लोगों और पशुओं के प्रवेश पर रोक रहेगी। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा कदमों को लेकर आसपास के निवासियों के साथ कई दौर की बैठकें की गई हैं। सभी लोग सुरक्षा के लिए किए जा रहे बंदोबस्त से संतुष्ट है। मलबे को फैलने से रोकने के लिए तीन स्तरों का इंतजाम किया गया है।
35,000 क्यूबिक मीटर मलबे का अनुमान
नोएडा अथॉरिटी के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों टावरों को गिराने के बाद 35,000 क्यूबिक मीटर मलबा निकलने का अनुमान है। इनमें से 6,000-7,000 क्यूबिक मीटर टावरों के बेसमेंट में इकट्ठा हो जाएगा।
क्यों गिराए जा रहे टावर?
सुपरटेक बिल्डर्स ने साल 2009 से 2012 के बीच नोएडा के सेक्टर-93 में एमराल्ड कोर्ट परिसर में 40 और 39 मंजिल के दो नए टावरों का निर्माण किया था। 950 फ्लैट वाले दोनों टावरों के निर्माण के समय वहां पहले से रह रहे लोगों की सहमति भी नहीं ली गई थी और इनका निर्माण पार्क के रास्ते पर किया गया था। दोनों टावरों के बीच की दूरी कम होने से लोगों को रोशनी और हवा की परेशानी हो रही थी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गिराए जा रहे टावर
इन टावरों के निर्माण को लेकर सोसायटी का रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा था। कोर्ट ने साल 2014 में हाउसिंग सोसायटी में नियमों के उल्लंघन पर दोनों टावरों को गिराने के आदेश दिए थे। इसके बाद इन्हें बनाने वाली कंपनी सुपरटेक फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट का फैसला सुरक्षित बरकरार रखते हुए इन टावरों को गिराने का आदेश दिया था।