एकनाथ शिंदे होंगे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री, फडणवीस होंगे उप मुख्यमंत्री
शिवसेना से बगावत कर उद्धव ठाकरे की सरकार गिराने वाले एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री होंगे। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने उनके नाम का ऐलान करते हुए बताया कि शिंदे शाम 7:30 बजे शपथ लेंगे। शिंदे पहली बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। इससे पहले दोनों नेताओं ने राज्यपाल से मिलकर सरकार गठन का दावा किया था। अपने खेमे के साथ गोवा में डेरा डाले बैठे शिंदे राज्यपाल से मिलने के लिए मुंबई आए थे।
फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना
शिंदे के नाम का ऐलान करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 2019 में भाजपा और शिवसेना के गठबंधन को जीत मिली थी, लेकिन शिवसेना ने उन लोगों के साथ गठबंधन कर लिया, जिनका बाबासाहेब ने जिंदगीभर विरोध किया था। भाजपा नेता ने कहा कि शिवसेना के विधायक भाजपा से हाथ मिलाना चाहते थे, लेकिन उद्धव ठाकरे ने उन्हें नजरअंदाज कर कांग्रेस और NCP को प्राथमिकता दी। इससे नाराज होकर विधायकों ने आवाज उठाई है।
फडणवीस बनेंगे उप मुख्यमंत्री
आज दोपहर में मुख्यमंत्री पद के लिए शिंदे के नाम का ऐलान कर सबको चौंकाने वाले देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि वो इस नई सरकार का हिस्सा नहीं होंगे। हालांकि, शाम होते-होते भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने यह तय किया है कि फडणवीस को उप मुख्यमंत्री बनना चाहिए। उन्हें सरकार में आना चाहिए और सरकार में पदभार संभालना चाहिए। इसके लिए उनसे व्यक्तिगत रूप में आग्रह किया गया है।
शिंदे ने जताया भाजपा का आभार
फडणवीस के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए शिंदे ने कहा कि जो फैसला लिया गया है, वह बालासाहेब के हिंदुत्व और विधायकों की विधानसभा के विकास के लिए प्रतिबद्ध होकर लिया है। उन्होंने अपने साथ 50 विधायकों का समर्थन होने की बात कहते हुए कहा कि भाजपा के पास 120 विधायक होने के बाद भी फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद नहीं लिया बल्कि एक शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाया। इसके लिए वो फडणवीस और भाजपा नेतृत्व के आभारी हैं।
ठाकरे से की थी भाजपा के साथ गठबंधन की मांग- शिंदे
शिंदे ने बताया कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भाजपा के साथ हाथ मिलाने की मांग की थी। उन्होंने कहा, "हम अपनी विधानसभाओं की चिंताओं के समाधान और विकास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री के पास गए थे। हमने उन्हें यह भी सलाह दी कि सुधार की जरूरत है क्योंकि हमें लगने लगा था कि हमारे लिए अगला चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा। हमने भाजपा के साथ गठबंधन की भी मांग की थी।"
कैसा रहा है एकनाथ शिंदे का अब तक का सफर?
59 वर्षीय शिंदे ठाकरे सरकार में नगर विकास मंत्री थे। कम उम्र में ही शिवसेना के साथ जुड़ने वाले शिंदे ठाणे की कोपरी-पांचपखाड़ी सीट से 2004, 2009, 2014 और 2019 में चुनाव जीत चुके हैं। सतारा जिले के पहाड़ी जवाली तालुका से संबंध रखने वाले शिंदे ने ठाणे से अपनी पढ़ाई पूरी की थी। ठाणे इलाके में शिवसेना को मजबूत करने के पीछे शिंदे का हाथ माना जाता है और यहां से हर चुनाव में उनका उम्मीदवार जीतता आया है।
पार्षद का चुनाव जीतकर शुरू की राजनीतिक यात्रा
एकनाथ शिंदे ने साल 1997 में ठाणे नगर निगम चुनाव में पार्षद का चुनाव जीतकर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी। 2001 में उन्हें ठाणे नगर निगम में सदन का नेता चुना गया और वो 2004 तक इस पद पर रहे। वो अक्टूबर, 2014 से लेकर दिसंबर, 2014 तक महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे थे। उनके बेटे श्रीकांत शिंदे फिलहाल कल्याण से शिवसेना के लोकसभा सांसद हैं।
जब मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए थे शिंदे
शिंदे को ठाकरे परिवार के बाद पार्टी में सबसे मजबूत शिवसैनिक माना जाता है। 2019 में अगर उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने को राजी नहीं हुए होते तो इस बात की प्रबल संभावनाएं थीं कि शिंदे को इस पद पर बैठाया जा सकता था। 2019 के चुनावी नतीजे आने के बाद शिवसेना ने उन्हें विधायक दल का नेता भी घोषित कर दिया था, लेकिन सहयोगियों पार्टियों की जिद के चलते उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाया गया।