डोलो-650 देने के लिए डॉक्टरों को 1,000 करोड़ रुपये के उपहार का दावा, सुप्रीम कोर्ट गंभीर
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में अपनी दवा लिखने के लिए डॉक्टरों को उपहार देने के संबंध में फार्मा कंपनियों को जवाबदेह ठहराने की मांग की गई है।
याचिका में एक उदाहरण दिया गया है कि बुखार की दवा डोलो-650 लिखने के लिए इसकी निर्माता कंपनी ने डॉक्टरों को 1,000 करोड़ रुपये के उपहार दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीर मामला बताते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
आइये पूरी खबर जानते हैं।
आरोप
CBDT ने कंपनी पर लगाया है अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप
फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रजेंटेटिव्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की है।
फेडरेशन की तरफ से पेश होते हुए वरिष्ठ वकील संजय पारिख ने कहा कि डोलो ने डॉक्टरों को 1,000 करोड़ रुपये के उपहार दिए ताकि वो उसकी दवा का प्रचार कर सके।
फेडरेशन ने अपनी दलील में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की एक रिपोर्ट का हवाला दिया। CBDT ने कंपनी पर अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था।
जानकारी
याचिकाकर्ता ने गिनाए ये नुकसान
याचिकाकर्ता का कहना है कि इस तरह के कामों से न सिर्फ जरूरत से ज्यादा दवा दी जाती है बल्कि यह मरीज की सेहत को भी नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे भ्रष्टाचार के कारण महंगी और गैर-जरूरी दवाएं बाजार में आ रही हैं।
याचिका में कहा गया है कि मौजूदा नियमों के चलते फार्मा कंपनियों की ऐसी गतिविधियां बढ़ रही हैं और इन पर रोक और निगरानी के लिए नए नियमों की जरूरत है।
जानकारी
जस्टिस चंद्रचूड़ बोले- मुझे भी यही दवा दी गई
याचिका पर सुनवाई कर रही जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने इसे गंभीर मुद्दा मानते हुए गौर करने की बात कही।
सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जब उन्हें कोरोना संक्रमण हुआ था, तब यही दवा दी गई थी।
कोर्ट ने केंद्र सरकार से 10 दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है, जबकि याचिकाकर्ता को अपना जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।
जानकारी
फार्मा कंपनियों की दलील भी सुनेगा कोर्ट
सुनवाई के दौरान एक वकील ने फार्मा कंपनियों की तरफ से हस्तक्षेप याचिका दायर करने की मंजूरी मांगी थी। इसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि वह इस मुद्दे पर फार्मा कंपनियों का पक्ष भी सुनना चाहेगा। 29 सितंबर को अगली सुनवाई होगी।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
महामारी के दौरान बढ़ा डोलो-650 का इस्तेमाल
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान डोलो-650 का इस्तेमाल बढ़ गया था। बड़े अस्पतालों से लेकर घर-घर जाकर इलाज करने वाले डॉक्टरों तक हर कोई बुखार और बदनदर्द के लिए डोलो-650 लेने की सलाह दे रहा था। कुछ लोग बिना डॉक्टरी सलाह के खुद से जाकर यह दवा खरीद रहे थे।
हालांकि, अब इसकी लोकप्रियता के पीछे कुछ और कहानी होने का दावा किया जा रहा है, जिसमें डॉक्टरों को उपहार देना भी शामिल है।