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    असम NRC: सरकार ने बताया- डिटेंशन सेंटरों में बंद हैं 988 विदेशी, 28 की हुई मौत
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    असम NRC: सरकार ने बताया- डिटेंशन सेंटरों में बंद हैं 988 विदेशी, 28 की हुई मौत

    लेखन प्रमोद कुमार
    November 28, 2019 | 01:55 pm 1 मिनट में पढ़ें
    असम NRC: सरकार ने बताया- डिटेंशन सेंटरों में बंद हैं 988 विदेशी, 28 की हुई मौत

    नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (NRC) को लेकर जारी बहस के बीच केंद्र सरकार ने बताया है कि असम के डिटेंशन सेंटरों में लगभग 1,000 विदेशी लोग बंद थे, जिनमें से लगभग 28 की मौत हो गई है। राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि 2016 से लेकर इस साल 13 अक्टूबर तक हिरासत में बंद 28 लोगों की डिटेंशन सेंटरों या अस्पतालों में मौत हो गई है।

    सेंटरों में बंद लोगों को दी जा रही हैं मूलभूत सुविधाएं

    राय ने राज्यसभा को बताया कि असम सरकार से मिली 22 नवंबर, 2019 तक की जानकारी के मुताबिक, राज्य के छह डिटेंशन सेंटरों में 988 विदेशी लोग हैं। उन्होंने कहा कि इन सेंटरों में मेडिकल समेत सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। सेंटरों में बंद लोगों को समाचार पत्र, टीवी, खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम, लाइब्रेरी, योग, ध्यान आदि सुविधाएं दी जा रही हैं। साथ ही यहां नियमित तौर पर मेडिकल कैंप लगाए जा रहे हैं।

    क्या होते हैं डिटेंशन सेंटर?

    NRC से बाहर किए गए लोगों को जिन सेंटरों में रखा जाता है, उन्हें डिटेंशन सेंटर कहा जाता है। इन सेंटर में केवल उन्हीं लोगों को भेजा जाता है, जिन्होंने NRC में जगह नहीं मिलने पर सारे कानूनी विकल्प आजमा लिए होते हैं।

    गोपालपारा में बन रहा पहला स्थायी डिटेंशन सेंटर

    असम में अभी तक छह अस्थायी डिटेंशन सेंटर चल रहे हैं। राज्य के गोलपारा में देश के पहले स्थायी डिटेंशन सेंटर का निर्माण कार्य जारी है। इसका निर्माण कार्य पिछले साल दिसंबर में शुरू हुआ था और इस साल दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। यहां पर 46 करोड़ रुपये की लागत से 15 चार मंजिला इमारत बनाई जा रही है, जिनमें कुल 3,000 लोगों के रहने की क्षमता होगी। पूरे राज्य में ऐसे 10 डिटेंशन सेंटर बनेंगे।

    केवल असम में लागू है NRC

    गौरतलब है कि असम देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पर सिटीजनशिप रजिस्टर की व्यवस्था है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर NRC को अपडेट किया गया था। इसकी अंतिम सूची में 19 लाख लोगों को जगह नहीं मिली है। इन लोगों के पास अब फॉरेन ट्रिब्यूनल से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाने का विकल्प है। इन कानूनी विकल्पों को आजमाने के बाद भी अगर वो अपनी भारतीय नागरिकता साबित नहीं कर पाए तो उन्हें डिटेंशन सेंटर भेजा जाएगा।

    कर्नाटक और महाराष्ट्र में भी डिटेंशन सेंटर बनाने की तैयारी

    असम के अलावा कर्नाटक और महाराष्ट्र में भी डिटेंशन सेंटर बनाने की तैयारियां की जा रही है। बेंगलुरू से 40 किलोमीटर दूर अवैध आप्रवासियों के लिए एक डिटेंशन बनाया जा रहा है। वहीं नवी मुंबई इलाके में इसके लिए जमीन की पहचान कर ली गई है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सरकार 2024 से पहले पूरे देश में NRC लागू करेगी। इसके लिए तैयारी की जा रही है और ये डिटेंशन सेंटर उसी तैयारी का हिस्सा हैं।

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