कांग्रेस कार्यकारिणी समिति की अहम बैठक, मुकुल वासनिक को बनाया जा सकता है पार्टी अध्यक्ष
शनिवार को कांग्रेस कार्यकारिणी समिति (CWC) की बैठक होगी जिसमें पार्टी के नए अध्यक्ष पर फैसला लिया जाएगा। खबरों के अनुसार, अध्यक्ष पद की रेस में पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक सबसे आगे चल रहे हैं और उनके अगले अध्यक्ष बनने की संभावना है। बता दें कि राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और पद तभी से खाली है।
सोनिया गांधी के घर हुई अहम बैठक
शुक्रवार को कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के घर एक बैठक हुई। बैठक के बाद सूत्रों ने NDTV को बताया कि मुकुल वासनिक को अगला अध्यक्ष बनाया जा सकता है। सूत्र ने ये भी बताया कि बैठक में CWC अध्यक्ष के तौर पर काम करने के लिए राहुल गांधी को आधिकारिक तौर पर धन्यवाद कहेगी। इससे संकेत मिलते है कि पार्टी ने राहुल को मनाने की कोशिशों में हार मान ली है।
कौन हैं मुकुल वासनिक?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे बालकृष्ण वासनिक के पुत्र मुकुल वासनिक अभी पार्टी महासचिव के तौर पर काम कर रहे हैं। वह 1984 में पहली बार सांसद बने थे और उनके नाम सबसे कम उम्र के सांसद का रिकॉर्ड था। मुकुल नरसिम्हा राव सरकार और मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे। वह कांग्रेस के छात्र संघ NSUI और युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के तौर पर भी काम कर चुके हैं।
लंबे प्रशासनिक रिकॉर्ड को मिल सकता है फायदा
मुकुल सोनिया गांधी के महासचिव के तौर पर भी काम कर चुके हैं। उनके इसी लंबे प्रशासनिक रिकॉर्ड को देखते हुए उन्हें राहुल गांधी का उपयुक्त उत्तराधिकारी माना जा रहा है, जो कांग्रेस के संगठन को मजबूत कर सकता है।
दो दशक में पहली बार होगा गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष
अगर मुकुल कांग्रेस के अगले अध्यक्ष बनते हैं तो वह पिछले 2 दशक में पार्टी अध्यक्ष बनने वाले गांधी परिवार से बाहर के पहले नेता होंगे। 1998 में सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनीं थीं और 2017 तक इस पद पर रहीं। उनके नाम सबसे अधिक समय तक कांग्रेस अध्यक्ष बने रहने का रिकॉर्ड है। इसके बाद 2017 में उनके बेटे राहुल गांधी ने पार्टी की कमान संभाली और 2019 में लोकसभा चुनाव में हार के बाद इस्तीफा दे दिया।
राहुल ने उठाई थी गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष होने की मांग
बता दें कि अपना इस्तीफा देते समय राहुल ने अगला अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर से होने पर विशेष जोर दिया था। उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की मांग भी की थी। गौरतलब है कि आजादी के बाद ज्यादातर समय गांधी परिवार का कोई सदस्य ही कांग्रेस अध्यक्ष रहा है। जवाहर लाल नेहरू के राज में और राजीव गांधी की हत्या के बाद कुछ समय के लिए गांधी परिवार से बाहर के लोग कांग्रेस अध्यक्ष रहे।