महाराष्ट्र: भाजपा से बचाने के लिए शिवसेना के बाद कांग्रेस ने अपने विधायकों को होटल भेजा
शिवसेना के बाद अब कांग्रेस ने भी महाराष्ट्र में अपने विधायकों को बचाने के लिए उन्हें एक होटल में शिफ्ट कर दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए उसके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है और इससे बचने के लिए विधायकों को जयपुर के एक होटल में रखा जा रहा है। विधायकों को महाराष्ट्र के बाहर जयपुर इसलिए भेजा गया है क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है।
कांग्रेस नेता ने कहा- विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही भाजपा
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने इस बारे में NDTV से बात करते हुए कहा, "कांग्रेस विधायकों को लालच देने की कोशिश की गई है। हमने सभी को ऐसे किसी भी फोन कॉल को रिकॉर्ड करने को कहा है।" वडेट्टीवार ने दावा किया कि विधायकों को पार्टी बदलने पर 25-50 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव दिया जा रहा है। उन्होंने शिवसेना विधायकों को 50 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिए जाने के शिवसेना के आरोपों को भी दोहराया।
वापस लौटना चाहते हैं चुनाव से पहले पार्टी छोड़ने वाले 15 विधायक
कांग्रेस के सभी विधायकों के पार्टी के साथ होने की बात कहते हुए वडेट्टीवार ने दावा किया कि चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ने वाले 15 विधायक भी पार्टी में वापस लौटना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर वो वापस आते हैं तो उनका स्वागत है। विधायकों को जयपुर भेजे जाने के सवाल पर वडेट्टीवार ने कहा, "जयपुर एक पर्यटक स्थल है। हो सकता है वो चुनाव में कड़ी मेहनत के बाद आराम के लिए वहां गए हों।"
कल शिवसेना ने अपने विधायकों को भेजा था होटल
इससे पहले कल शिवसेना ने भी अपने विधायकों को एक होटल में शिफ्ट कर दिया था। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के आदेश के अनुसार, ये विधायक अगले दो दिन तक मुंबई के रंगशारदा होटल में रहेंगे। शिवसेना ने आरोप लगाते हुए कहा था कि भाजपा उसके विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है। अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में शिवसेना ने आरोप लगाया था कि शिवसेना पैसे के दम पर सरकार बनाना चाहती है।
भाजपा, शिवसेना में मतभेद से पैदा हुआ है महाराष्ट्र में संकट
दरअसल, हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में किसी भी एक पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। चुनाव में भाजपा को 105, शिवसेना को 56, कांग्रेस को 44 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को 54 सीटें मिली हैं। हालांकि चुनाव में भाजपा और शिवसेना गठबंधन में लड़े थे और जनता ने उन्हें स्पष्ट बहुमत दिया था। लेकिन सत्ता के बंटवारे और मुख्यमंत्री पद को लेकर उनमें सहमति नहीं बनी, जिससे सरकार गठन पर संकट पैदा हुआ है।
सरकार बनाने का दावा करने के लिए शनिवार तक का समय
सरकार बनाने का दावा करने के लिए शनिवार तक का समय है और सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते भाजपा का पहला दावा बनता है। इसलिए बाकी पार्टियों को डर सता रहा है कि भाजपा उसके विधायकों को तोड़कर सरकार बना सकती है।