राहुल ने मोदी से पूछा- क्या बारिश में सभी विमान रडार से गायब हो जाते हैं?
बालाकोट एयर स्ट्राइक के समय पाकिस्तानी रडार से बचने के लिए बादल और बारिश का सहारा लेने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान उपहास और आलोचना का विषय बना हुआ है। ताजा मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मोदी से पूछा कि क्या बारिश के समय सारे विमान रडार से गायब हो जाते हैं। उन्होंने बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार के साथ प्रधानमंत्री मोदी के गैर-राजनीतिक इंटरव्यू पर भी चुटकी ली।
एक साथ दो बयानों पर प्रहार
मध्य प्रदेश के नीमच में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने मोदी के बयान पर चुटकी लेते हुए कहा, "मोदी जी, जब भारत में बारिश होती है तो क्या सारे विमान रडार से गायब हो जाते हैं?" इस दौरान उन्होंने अक्षय कुमार के साथ उनके गैर-राजनीतिक इंटरव्यू में आम पर पूछे गए सवाल पर भी चुटकी ली और कहा, "मोदी जी, आपने हमें आम खाना सिखाया, अब देश को बताइए कि आपने बेरोजगार युवाओं के लिए क्या किया?"
प्रियंका ने कहा था, लोगों की रडार में आ चुके हैं मोदी
इससे पहले इंदौर में रोड शो के दौरान प्रियंका गांधी ने मोदी के बयान पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री के तौर पर 5 साल के कार्यकाल के दौरान मोदी ने लोगों को केवल जुमला दिए। उन्हें भरोसा था कि वह बादलों के कारण लोगों की रडार पर नहीं आएंगे।" राफेल मामले पर मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अब चाहें बारिश आए या धूप निकले, लोग इस आदमी (मोदी) की राजनीति की सच्चाई जान चुके हैं।
क्या कहा था प्रधानमंत्री मोदी ने?
एक टीवी चैनल को इंटरव्यू देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, "उस समय मौसम अचानक खराब हो गया। बहुत बारिश हुई। एक पल हमारे मन में आया कि इस मौसम में हम क्या करेंगे? विशेषज्ञों ने तारीख बदलने की कहा। मैंने कहा इतने बादल हैं, बारिश हो रही है तो एक लाभ है कि हम रडार से बच सकते हैं।" उन्होंने बताया, "सब उलझन में थे कि क्या करें। फिर अंत में मैंने कहा बादल हैं, ठीक है जाइए।"
इसलिए उड़ रहा मोदी के बयान का मजाक
मोदी के यह बयान उपहास और आलोचना का विषय बना हुआ है क्योंकि रडार खराब मौसम में भी काम करने में सक्षम होता है और बादल या बारिश का उस पर कोई असर नहीं पड़ता। बल्कि उनके बयान के उलट बादलों के कारण लड़ाकू विमानों को परेशानी हुईं और वह 6 क्रिस्टल मेज मिसाइलों को छोड़ने में नाकाम रहे। ये मिसाइलें पूरी तबाही की वीडियो बना सकती थीं, जिसके बाद भारत को अपना दावा साबित करने में आसानी होती।