
जम्मू-कश्मीर: फारूक अब्दुल्ला ने की महबूबा मुफ्ती की पार्टी के साथ गठबंधन की घोषणा
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर की राजनीति में गुरुवार को बड़ा बदलाव देखने को मिला है।
केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के विरोध में तीन प्रमुख मुख्यमंत्रियों ने दलीय राजनीति को भुलाकर एकजुट होने तथा अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए लड़ाई लड़ने का निर्णय किया है।
इसके अलावा नेशनल कान्फ्रेंस के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने शाम को जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रकेटिक पार्टी (PDP) महबूबा मुफ्ती से साथ गठबंधन का ऐलान भी कर दिया।
बैठक
फारुक अब्दुल्ला के घर बुलाई गई थी विशेष बैठक
जम्मू-कश्मीर से हटाए गए अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए एकजुट होकर लड़ने के मकसद से गुरुवार को फारुक अब्दुल्ला के घर पर विशेष बैठक बुलाई गई थी।
इसमें फारूक अब्दुल्ला के साथ महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला सहित लेफ्ट पार्टियों के कई दिग्गज नेताओं ने हिस्सा लिया था। इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा था।
बैठक के बाद शाम को फारूक अब्दुल्ला ने अगस्त, 2019 से पहले अधिकार बहाल करना करने के लिए एकजुट होने की बात कही।
बयान
पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन होगा नए गठबंधन का नाम- अब्दुल्ला
बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती से गठबंधन का ऐलान करते हुए कहा, "हमने नए गठबंधन का नाम पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन रखा है। हमारी लड़ाई एक संवैधानिक लड़ाई है और हम चाहते हैं कि भारत सरकार जम्मू-कश्मीर को 5 अगस्त, 2019 से पहले के अधिकारों को वापस लौटाए।"
उन्होंने कहा, "पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन जम्मू कश्मीर मुद्दे के हल के लिए सभी पक्षों के बीच बातचीत की पहल का समर्थन करता है।"
जानकारी
कुछ दिन बाद बनाई जाएगी आगे की योजना
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कुछ दिन बाद सभी दलों के नेता फिर मुलाकात करेंगे। उस बैठक में पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन के तहत जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए आगे की योजना तैयार की जाएगी।
अनुच्छेद 370
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को खत्म किया था अनुच्छेद 370
बता दें कि 4 अगस्त 2019 को फारुक अब्दुल्ला के आवास पर तमाम दलों की पहली सर्वदलीय बैठक हुई थी।
इसे गुपकार डेक्लरेशन कहा गया था। बैठक के बाद जारी बयान में राज्य की पहचान, स्वायत्तत्ता और उसको मिले विशेष अधिकारों के लिए मिलकर संघर्ष की बात कही गई थी।
अगले ही दिन 5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया और राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटा दिया।
हिरासत
तीन मुख्यमंत्रियों सहित दर्जनों नेताओं को लिया था हिरासत में
बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के दौरान विरोध को देखते हुए सरकार ने फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला सहित दर्जनों नेताओं को हिरासत में ले लिया था। तीनों मुख्यमंत्रियों पर PSA लगाया गया था।
इसके बाद फारूक अब्दुल्ला को गत सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गत 13 मार्च, उमर अब्दुल्ला को 24 मार्च को रिहा किया गया था। इसी तरह महबूबा मुफ्ती को गत मंगलवार को रिहा किया गया था।