वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए अब कराना होगा ऑनलाइनल रजिस्ट्रेशन, प्रतिदिन 7,000 को मिलेगी अनुमति
देश में कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन से पहले यानी 18 मार्च से जम्मू-कश्मीर के कटरा स्थित मां वैष्णो देवी के दर्शनों पर रोक लगा दी थी और यह अभी भी जारी हैं। अब लॉकडान से बाहर निकलने की प्रकिया के तहत जब देश में अनलॉक-2 चल रहा है तो श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने भी दरबार को भक्तों के लिए खोलने की तैयारी शुरू कर दी है।
यात्रा शुरू करने के लिए श्राइन बोर्ड ने तैयार की SOP
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा को फिर से शुरू करने के लिए मानक संचालन प्रकिया (SOP) तैयार कर ली है। यात्रा शुरू करने की तारीख का ऐलान अधिकारियों के साथ बैठक के बाद किया जाएगा। SOP के अनुसार इस बार दर्शन की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव होगा। भक्तों को अब दर्शन के लिए पहले ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसी के बाद उन्हें कटरा में प्रवेश दिया जाएगा।
एक दिन में 7,000 श्रद्धालुओं को ही दी जाएगी दर्शन की अनुमति
श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) रमेश कुमार बताया कि नई SOP के तहत अब एक दिन में महज पांच से 7.000 श्रद्धालुओं को ही दर्शन की अनुमति दी जाएगी। जबकि, पहले एक दिन में करीब 35,000 श्रद्धालु दर्शन करते थे। यात्रियों की कटरा ट्रेक एंट्री प्वाइंट और भवन के पास थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं का मास्क पहनना अनिवार्य होगा और जगह-जगह सैनिटाइजर की व्यवस्था रहेगी।
छोटे-छोटे समूहों में दी जाएगी चढ़ाई की अनुमति
यात्रा में सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कराने के लिए श्रद्धालुओं को को छोटे-छोटे समूहों में बांटकर और कुछ अंतराल के बाद आगे बढ़ाया जाएगा। भवन में बैठे पंडित अब सीधे भक्तों को टीका नहीं लगाए पाएंगे। टीके को लेकर विचार किया जा रहा है।
बच्चों और बुजुर्गों के यात्रा करने पर होगी पाबंदी
श्राइन बोर्ड के CEO ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए अब तीन साल से छोटे बच्चे और 65 साल की आयु से अधिक के लोगों के यात्रा करने पर पाबंदी रहेगी। इसी तरह यात्रा में कोरोना लक्षण वालों की गहन चिकित्सा जांच की जाएगी। बोर्ड में करीब 3,000 से ज्यादा कर्मचारी और अधिकारी हैं। ये सभी लोग प्रोटेक्टिव आइटम पहने नजर आएंगे। ऑनलाइन दर्शन और दान के लिए जल्द ही मोबाइल ऐप लॉन्च किया जाएगा।
वर्तमान में बिना श्रद्धालुओं के दिन में दो बार होती है पूजा
मंदिर के पुजारी सुदर्शन ने बताया कि इस समय सुबह में 6 बजे और शाम में 7 बजे पूजा होती है। अभी भवन में करीब 20 श्राइन बोर्ड के कर्मचारी काम कर रहे हैं। 1986 में श्राइन बोर्ड की स्थापना हुई। तब से श्रद्धालुओं की सुविधाओं का जिम्मा बोर्ड के पास है। उन्होंने बताया कि 500 सालों में पहली बार हुआ है कि दर्शन रोक दिया गया है। भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भी दर्शन पर पाबंदी नहीं लगाई गई थी।
भारत और जम्मू-कश्मीर में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 22,752 नए मामले सामने आए और 482 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। इसी के साथ देश में कुल मामलों की संख्या 7,42,417 हो गई है, वहीं 20,642 लोगों की कोरोना के संक्रमण से मौत हुई है। सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 2,64,944 हो गई है। इसी तरह जम्मू-कश्मीर में संक्रमितों की संख्या 8,931 पहुंच गई है और यहां अब तक 143 की मौत हो चुकी है।