
इतिहास में पहली बार पाकिस्तान ने बंद की भारत के साथ डाक सेवाएं
क्या है खबर?
जो चीज 1947 में बंटवारे और भारत-पाकिस्तान के बीच तीन युद्धों के समय नहीं हुई, उसे पाकिस्तान ने अब कर दिखाया है।
अनुच्छेद 370 पर फैसले के बाद पाकिस्तान ने दोनों देशों के बीच डाक सेवा बंद कर दी है।
पिछले डेढ़ महीने से पाकिस्तान ने भारत से आने वाले पत्रों का लेना बंद कर दिया है, जिसके कारण भारतीय डाक विभाग के अधिकारियों को पाकिस्तान जा रहे पत्रों को मजबूरन "ऑन होल्ड" रखना पड़ा है।
डाक सेवाएं
सऊदी अरब के जरिए होता है भारत और पाकिस्तान में पत्रों का आदान-प्रदान
बता दें कि भारत और पाकिस्तान में डाक सेवाओं का सीधा आदान-प्रदान नहीं होता है।
पाकिस्तान और भारत दोनों जगह से डाक सऊदी अरब जाती हैं और वो अदला-बदली केंद्र की तरह काम करता है।
इससे पहले दुबई और सिंगापुर में पत्रों की अदला-बदली होती थी।
भारत में दिल्ली और मुंबई स्थित विदेशी डाक घर (FPO) पाकिस्तान से आने-जाने वाले पत्रों का काम संभालते हैं और पूरे देश से पत्र इन्हीं दो केंद्रों पर इकट्ठा होते हैं।
रोक
23 अगस्त से भारत से आए पत्र नहीं ले रहा पाकिस्तान
इस बीच 23 अगस्त से पाकिस्तान ने अचानक भारत के साथ पत्रों का आदान-प्रदान बंद कर दिया।
भारत ने भी मजबूरन पाकिस्तान भेजे जाने वाले पत्रों को इकट्ठा करने पर पाबंदी लगा दी है।
दिल्ली डाक सेवा निदेशक (पत्र और व्यापार विकास) आरवी चौधरी ने 'इंडियन एक्सप्रेस' को बताया, "ये उनकी ओर से एकतरफा फैसला था। ये पहली बार है जब उन्होंने इस तरीके का फैसला लिया है। हमें नहीं पता ये आदेश कब वापस लिया जाएगा।"
विरोध
शांति कार्यकर्ताओं ने बताया मानवाधिकारों का उल्लंघन
खबरों के अनुसार, 5 अगस्त को भारत सरकार के जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और उसे दो हिस्सों में बांटने के फैसले के विरोध में पाकिस्तान ने ये कदम उठाया है।
वहीं भारत-पाकिस्तान शांति कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान की ओर से डाक सेवा रोकने को मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन बताया है।
उनका कहना है कि कोई भी देश लोगों से उनका ये अधिकार नहीं छीन सकता और पहला ऐसा कभी नहीं हुआ है।
पत्रों का आदान-प्रदान
पंजाब और जम्मू-कश्मीर से जाते हैं डाक
भारत से पाकिस्तान जाने वाले अधिकांश डाक पंजाब और जम्मू-कश्मीर से होते हैं।
दिल्ली FPO अधीक्षक सतीश कुमार ने बताया कि इनमें से अधिकांश में शैक्षणिक और साहित्यिक सामग्री होती है।
दरअसल, पंजाब के लोग लाहौर से गुरुमुखी लिपि में प्रकाशित होने वाली कई पत्रिकाएं मंगाते हैं और ऐसा ही कुछ इस तरफ से होता है।
इस साहित्यिक दुनिया के लोग इस पाबंदी के जल्द से जल्द हटने की दुआ कर रहे हैं।
बयान
केंद्र सरकार के आदेश का इंतजार कर रहा डाक विभाग
डाक सेवा निदेशक आरवी चौधरी ने बताया कि विभाग मामले पर केंद्र सरकार के आदेश का इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा, "हमने संचार मंत्रालय से डाक सेवाओं को अस्थाई तौर पर निलंबित करने की अनुमति मांगी है। अभी तक कोई निर्देश नहीं आया है।"