जम्मू-कश्मीर: कुपवाड़ा में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी ढेर, पाकिस्तान से जुड़े होने के मिले सबूत
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है। शनिवार को नियंत्रण रेखा से 100 मीटर की दूरी पर दो आतंकियों का मार गिराया है।
इसके बाद पूरे इलाके को घेर लिया गया है और सर्च अभियान चलाया जा रहा है। मारे गए दोनों आतंकियों का आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होना बताया जा रहा है।
दोनों आतंकियों के पास से चीन में निर्मित एक पिस्तौल और ऑस्ट्रियाई तकनीक के चार ग्रेनेट भी बरामद हुए हैं।
घटना
नियंत्रण रेखा की तारबंदी को काटकर भारतीय सीमा में घुसे थे आतंकी
HT के अनुसार सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मृतक आतंकियों में एक की पहचान कुपवाड़ा के हंदवाड़ा क्षेत्र निवासी इदरीस अहमद भट (23) के रूप में की गई है। दूसरे की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि दोनों आतंकी शनिवार सुबह नियंत्रण रेखा की तारबंदी को काटकर भारतीय सीमा में घुसे थे। उस दौरान नियंत्रण रेखा से 100 मीटर दूर सुरक्षाबलों ने उन्हें रोक लिया और भागने के प्रयास करने पर गोली मार दी।
पाकिस्तान
आतंकियों के पास मिले पाकिस्तान के आयुध कारखाने में तैयार ग्रेनेड
सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दोनों आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए हैं। उनके पास AK-47 राइफल के अलावा चीन निर्मित पिस्तौल और पाकिस्तान के आयुध कारखाने में ऑस्ट्रियाई तकनीक से तैयार चार ग्रेनेड मिले हैं।
ऐसे में ये ग्रेनेड साबित करते हैं कि आतंकियों को पाकिस्तानी सेना और सरकार का संरक्षण प्राप्त था। आतंकियों के पास मिले ये ग्रेनेड पाकिस्तान द्वारा आतंकियों को पनाह देने का ठोस सबूत हैं।
जानकारी
2001 के संसद हमले में भी काम लिए गए थे यही ग्रेनेड
सेना के अधिकारी ने बताया कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने भी साल 2001 के संसद हमले में इन्हीं ग्रेनेडों का इस्तेमाल किया था। 480 ग्राम के इस ग्रेनेड में 95 ग्राम विस्फोटक कार्बनिक यौगिक PETN और 5,000 स्टील के छर्रे होते हैं।
उद्देश्य
जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलना चाहता है पाकिस्तान
सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के एक साल पूरे होने को देखते हुए अशांति फैलाना चाहता है। इसलिए वह बार-बार आतंकी भेज रहा है।
वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा अलर्ट जारी कर रखा है। खूफिया एजेंसियों के अनुसार पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के निगरानी के लिए चीनी ड्रोन का भी इस्तेमाल कर सकता है। ऐसे में सेना ड्रोन को मार गिराने की तकनीक विकसित करने में लगी हुई है।
हमला
भारत में बड़ा आतंकी हमला करवाना चाहता है पाकिस्तान
सेना के एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान जम्मू-कश्मीर पर ही केंद्रीत होते हैं।
ऐसे में उम्मीद है कि इस्लामाबाद और रावलपिंडी देश में आतंकवादी हमला देखना चाहते हैं। पाकिस्तान लगातार भारत पर मारे जाने वाले आतंकियों को जम्मू-कश्मीर के आम नागरिक करार देते हुए हमला करता आ रहा है, लेकिन भारतीय सेना आतंकियों पर नजरें गढ़ाए हुए हैं।