महाराष्ट्र में लागू नहीं किए जाएंगे नए कृषि कानून- विधानसभा स्पीकर
महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर नाना पटोले ने आज आंदोलनकारी किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में केंद्र सरकार के विवादित कृषि कानूनों को लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार इन कानूनों की समीक्षा करने के लिए एक समिति बनाएगी। इससे पहले कल आजाद मैदान में हुई एक रैली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने भी किसानों से कुछ ऐसा ही वादा किया था।
स्पीकर बोले- मैं सबसे पहले एक किसान हूं
गणतंत्र दिवस पर मुंबई में किसानों के एक ध्वजारोहण समारोह में हिस्सा लेने आए स्पीकर पटोले ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा, "मैं सबसे पहले एक किसान हूं और उसके बाद संवैधानिक पद पर आसीन एक व्यक्ति हूं। इसलिए मैं यहां किसानों का समर्थन करने के लिए आया हूं।" किसानों को आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र सरकार इन कानूनों की समीक्षा करने के लिए एक समिति बनाएगी। सरकार राज्य में कानूनों को लागू नहीं करेगी।"
पैदल चलकर नासिक से मुंबई पहुंचे हैं हजारों किसान
बता दें कि महाराष्ट्र के कई जिलों से हजारों किसान मुंबई आए हुए हैं। ये किसान पहले नासिक में इकट्ठा हुए थे और फिर वहां से पैदल ही 150 किलोमीटर चलकर मुंबई पहुंचे। मुंबई में ये कल आजाद मैदान में कृषि कानूनों के खिलाफ हुई एक रैली में शामिल हुए। इसी रैली में शरद पवार और बालासाहेब थोराट ने किसानों को संबोधित किया और उनसे कृषि कानूनों को महाराष्ट्र में लागू न होने देने की बात कही थी।
पवार ने साधा था राज्यपाल पर निशाना
इस रैली में पवार ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर भी निशाना साधा और किसानों से न मिलने के लिए उनकी आलोचना की। किसान राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपना चाहते थे, हालांकि राज्यपाल गोवा में थे जहां का उन्हें अतिरिक्त प्रभार मिला हुआ है। पवार ने कहा, "उनके पास कंगना रनौत से मिलने का समय है, लेकिन किसानों से नहीं। उन्हें यहां आपसे बात करने के लिए होना चाहिए था, लेकिन वह नहीं है।"
स्पीकर पटोले बोले- किसके निर्देश पर काम करते हैं राज्यपाल, सबको पता है
स्पीकर पटोले ने भी आज इस मुद्दे पर राज्यपाल कोश्यारी की निंदा की। उन्होंने कहा, "हम सभी जानते हैं कि राज्यपाल किसके निर्देश पर काम करते हैं। मैं इस पर कुछ नहीं कहना चाहता कि वह किसानों से क्यों नहीं मिले।"
क्यों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।