महाराष्ट्र: शनिवार को बहुमत साबित करेगी ठाकरे सरकार, मिला था 3 दिसंबर तक का समय
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को शपथ ली थी। शपथ के दो दिन बाद शनिवार को ठाकरे विधानसभा में बहुमत साबित कर सकते हैं।
राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने ठाकरे सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 3 दिसंबर तक का समय दिया था, लेकिन यह शनिवार को होने जा रहा है। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है।
उद्धव सरकार ने शनिवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है।
वजह
क्या है इस जल्दी की वजह?
महाराष्ट्र में एक महीने तक चले सियासी नाटक के बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
बताया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे मंत्रीमंडल विस्तार से पहले बहुमत साबित करना चाहते हैं। इस जल्दी की वजह राज्य के सियासी घटनाक्रम में जारी अनिश्चितता को खत्म करने की तरफ उठाया जा रहा कदम माना जा रहा है।
उद्धव सरकार मंत्रियों के शपथ ग्रहण से लेकर बहुमत साबित करने में ज्यादा समय नहीं लेना चाहती।
सरकार गठन
दिलीप वालसे पाटिल को बनाया गया प्रोटम स्पीकर
महाराष्ट्र विकास अगाड़ी (MVA) ने राज्यपाल को सरकार गठन के लिए 166 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा था।
इसमें कांग्रेस, शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कुछ निर्दलीय विधायक शामिल हैं। MVA ने दावा किया है कि अब उसके पास 170 विधायकों का समर्थन है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विधानसभा के नए स्पीकर के नाम का ऐलान भी शनिवार को हो सकता है।
NCP विधायक दिलीप वालसे पाटिल को प्रोटम स्पीकर नियुक्त किया गया है।
विधानसभा समीकरण
बहमत के लिए चाहिए 145 विधायकों का समर्थन
कुल 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के सबसे अधिक 105 विधायक हैं।
दूसरे नंबर पर मौजूद शिवसेना के 56 विधायक हैं। NCP के 54 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं।
वहीं निर्दलीय और छोटी पार्टियों के मिलाकर 29 विधायक हैं।
शिवसेना, कांग्रेस और NCP यानी महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के विधायकों की संख्या 154 है जो बहुमत के आंकड़े 145 से अधिक है।
इसके अलावा गठबंधन को कुछ निर्दलिय विधायकों और छोटी पार्टियों का समर्थन हासिल है।
शपथ ग्रहण समारोह
ठाकरे के बाद छह मंत्रियों ने ली थी शपथ
गुरुवार को मुंबई के ऐतिहासिक शिवाजी पार्क में उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वो ठाकरे परिवार से इस कुर्सी पर पहुंचने वाले पहले सदस्य हैं।
उनके बाद मंत्री पद के लिए शिवसेना के एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई, NCP के जयंत पाटिल और छगन भुजबल और कांग्रेस की तरफ से बालासाहेब थोराट और नितिन राउत ने शपथ ली।
यानी तीनों पार्टियों के दो-दो विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।