किसान आंदोलन: पैदल मार्च कर नासिक से मुंबई पहुंच रहे हजारों किसान, कल होनी है रैली
कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को मुंबई में होने रैली के लिए हजारों किसान पैदल ही नासिक से मुंबई के लिए निकल पड़े हैं और कुछ ही घंटों में वह मुंबई पहुंच जाएंगे। इस रैली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार भी शामिल होंगे और इसे किसानों के साथ-साथ उनका शक्ति प्रदर्शन भी माना जा रहा है। किसानों की पैदल मार्च के कई वीडियो में सामने आए हैं जिनमें हजारों किसानों देखे जा सकते हैं।
महाराष्ट्र के 21 जिलों से इकट्ठे हुए हैं किसान
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, पैदल मार्च कर रहे इन सभी किसानों में महाराष्ट्र के 21 जिलों के किसान शामिल हैं और ये सभी अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले इकट्ठे हुए हैं। ये हजारों किसान शनिवार को नासिक में इकट्ठे हुए और इसके बाद एक साथ 180 किलोमीटर चलकर मुंबई पहुंचने का फैसला लिया। मार्च के दौरान किसानों के हाथ में कई झंडे और बैनर देखे गए और वे एक साथ अनुशासित तरीके से आगे बढ़ रहे हैं।
सोमवार को आजाद मैदान पर होनी कृषि कानूनों के खिलाफ रैली
रिपोर्ट के अनुसार, ये हजारों किसान आज मुंबई पहुंच सकते हैं और कल शहर के प्रसिद्ध आजाद मैदान में कृषि कानूनों के खिलाफ होने वाली रैली में हिस्सा लेंगे। इस रैली में पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार भी शामिल होंगे जो कृषि कानूनों के मुद्दे पर पहले भी केंद्र सरकार पर निशाना साध चुके हैं। पिछले महीने को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा था कि सरकार किसानों के धैर्य की परीक्षा नहीं ले सकती और इसके गंभीर परिणाम होंगे।
26 जनवरी को दिल्ली में निकाली जानी है ट्रैक्टर रैली
बता दें कि मुंबई में किसानों की ये रैली ऐसे समय पर होनी है जब दिल्ली के बॉर्डर पर डेरा जमाए बैठे किसान एक दिन बाद 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। ये रैली दिल्ली को घेरने वाले आउटर रिंग रोड पर निकाली जानी है और इसमें 1,000 ट्रैक्टर हिस्सा लेंगे। इन ट्रैक्टरों पर तिरंगे झंडे लगाए जाएंगे। किसानों ने कहा है कि हर परिस्थिति में ये रैली निकाली जाएगी।
सरकार और किसानों के बीच बातचीत का सिलसिला टूटा
गौरतलब है कि कृषि कानूनों को लेकर किसानों और केंद्र सरकार के बीच 11 दौर की बैठक हो चुकी है, हालांकि इन बैठकों में कोई समाधान नहीं निकला है। शुक्रवार को हुई अंतिम दौर की बैठक में सरकार ने साफ कर दिया कि वह कानूनों को दो साल के लिए निलंबित करने के लिए तैयार है और अगर किसान इस पर तैयार है तभी आगे बातचीत होगी। हालांकि किसान कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।
क्यों आमने-सामने हैं सरकार और किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।