महाराष्ट्र संकट के बीच प्रधानमंत्री मोदी से मिलेंगे शरद पवार, किसानों के मुद्दे पर करेंगे बात
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सियासी उठापटक के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे। प्रधानमंत्री मोदी और पवार दोपहर करीब 12 बजे संसद में मुलाकात करेंगे। वैसे तो पवार महाराष्ट्र के किसानों को राहत देने के मुद्दे पर बातचीत के लिए प्रधानमंत्री मोदी से मिल रहे हैं, लेकिन महाराष्ट्र के सियासी खेल की पृष्ठभूमि में इसके अलग मायने भी निकाले जा रहे हैं।
NCP को लुभाने की कोशिश कर रही भाजपा
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी के साथ पवार की ये मुलाकात ऐसे समय पर होने जा रही है, जब खबरें हैं कि महाराष्ट्र के खेल में अपनी पुरानी सहयोगी और अब दुश्मन बनी शिवसेना को चित करने के लिए भाजपा NCP को लुभाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में इस मुलाकात के सियासी मतलब निकाले जाना लाजिमी है। बीते कुछ दिनों में शिवसेना के साथ गठबंधन पर पवार के अस्पष्ट जवाबों ने इन अटकलों को और हवा दी है।
शिवसेना ने कहा, मुलाकात के ज्यादा मायने नहीं निकाले जाने चाहिए
इस बीच कांग्रेस-NCP के साथ सरकार बनाने की कोशिशों में लगी शिवसेना ने कहा है कि इस मुलाकात के बहुत ज्यादा मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, "क्या कोई नेता जब प्रधानमंत्री से मिलता है तो जरूरी है कुछ पक रहा हो? वो पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं और महाराष्ट्र में किसान समस्याओं का सामना कर रहे हैं। संसद के बाहर या अंदर, कोई भी प्रधानमंत्री से मिल सकता है।"
राष्ट्रपति शासन लगने के बाद पवार और प्रधानमंत्री मोदी की पहली मुलाकात
बता दें कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद ये पवार और प्रधानमंत्री मोदी के बीच पहली मुलाकात होगी। विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत पाने वाला भाजपा-शिवसेना गठबंधन सत्ता के बंटवारे को लेकर असहमति के कारण टूट गया था और अकेले दम पर कोई भी पार्टी बहुमत का आंकड़ा पेश करने में नाकाम रही थी, जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था।
सरकार गठन को लेकर शिवसेना, NCP और कांग्रेस की बातचीत अंतिम दौर में
राष्ट्रपति शासन लगने के पहले से ही सरकार गठन को लेकर शिवसेना, NCP और कांग्रेस की बातचीत चल रही है जो अब अंतिम दौर पर पहुंच गई है। खबरों के अनुसार, तीनों पार्टियों के बीच सत्ता के बंटवारे को लेकर आम राय बन गई है। इस समझौते के तहत राज्य में मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा, वहीं NCP और कांग्रेस के एक-एक उपमुख्यमंत्री होंगे। मंत्रिमंडल का बंटवारा 14-14-12 के फॉर्मूले से किया जाएगा।
कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में किसानों का मुद्दा केंद्र में
खबरों के अनुसार, तीनों पार्टियों के बीच सरकार चलाने को लेकर कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (CMP) भी तैयार हो गया है जिसमें किसानों के मुद्दे को केंद्र में रखा गया है। इसमें कृषि कर्ज माफ करने के अलावा किसानों को प्रति महीने कैश सब्सिडी देने का बात भी है। इसके अलावा बेरोजगारी भत्ता, 10 रुपये में खाने की थाली जैसे बिंदु भी इसमें शामिल हैं। हिंदुत्व से जुड़े मुद्दों को CMP से बाहर रखा गया है।
बेमौसम बरसात से 70 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद
बता दें कि महाराष्ट्र में बेमौसम बरसात के कारण 70 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है और लगभग 5,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। मुद्दे पर शिवसेना भी सक्रिय है और केंद्र सरकार से उन्हें राहत देने की मांग कर रही है।