
जम्मू-कश्मीर: हिरासत में बंद उमर अब्दुला और महबूबा मुफ्ती से मिले परिजन, दो बार हुई मुलाकात
क्या है खबर?
पिछले कई दिनों से हिरासत में बंद जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों से उनके परिजनों ने हाल ही में दो बार मुलाकात की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उमर अब्दुला और महबूबा मुफ्ती के परिजनों ने उनसे मिलने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी थी।
अनुमति मिलने के बाद दोनों के परिजनों ने उनसे मुलाकात की।
बता दें, जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने की घोषणा से एक दिन पहले अब्दुला और मुफ्ती को हिरासत में लिया गया था।
जानकारी
हिरासत में बंद नेताओं से हफ्ते में दो बार मिल सकता है परिवार
एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अब्दुला और मुफ्ती के परिजनों ने प्रशासन से उनसे मिलने की अनुमति मांगी थी। उनके परिवार उनसे दो बार मिले। वो लोग हिरासत में बंद इन नेताओं से हफ्ते में दो बार मुलाकात कर सकते हैं।
हिरासत
5 अगस्त से हिरासत में हैं दोनों नेता
नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुला और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की मुखिया महबूबा मुफ्ती 5 अगस्त से हिरासत में हैं।
अब्दुला को जहां हरि निवास में रखा गया है वहीं मुफ्ती को चश्मेशाही हट में रखा गया है।
इनके अलावा घाटी के मुख्यधारा के कई नेताओं और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को डल झील के किनारे बने सेंटोर होटल में हिरासत में रखा गया है।
इन सभी स्थानों को प्रशासन ने उप जेल घोषित किया हुआ है।
मांग
विपक्ष कर रहा है नेताओं की रिहाई की मांग
एक तरफ जहां केंद्र सरकार घाटी में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इन नेताओं की हिरासत को सही ठहरा रही है वहीं विपक्ष लगातार इन नेताओं की रिहाई की मांग कर रहा है।
विपक्षी दल लगातार यह मांग कर रहे हैं कि हिरासत में बंद नेताओं को रिहा किया जाए।
कई विपक्षी नेताओं ने हिरासत में बंद जम्मू-कश्मीर के नेताओं से मिलने की कोशिश की थी, लेकिन दिल्ली से गए इन नेताओं को श्रीनगर हवाई अड्डे से लौटा दिया गया।
मौजूदा हालात
लगभग महीने बाद भी सामान्य नहीं हो सके हैं हालात
जम्मू-कश्मीर ने 5 अगस्त को ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया था।
इस फैसले के बाद कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के चलते राज्य में कड़े प्रतिबंध लागू किए गए थे।
यहां तक की लैंडलाइन सर्विस को भी बंद कर दिया गया था। 28 दिन बीतने के बाद भी कई जगहों पर ये प्रतिबंध जारी है। मोबाइल सेवाओं पर अभी तक रोक जारी है।