जम्मू-कश्मीर मुद्दा: पाकिस्तान के फैसलों पर भारत का समीक्षा का अनुरोध, कहा- ये हमारा आंतरिक मामला
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के विरोध में लिए गए कल लिए गए पाकिस्तान के फैसलों पर भारत ने प्रतिक्रिया दी है।
भारत का कहना है कि दुनिया को हमारे द्विपक्षीय रिश्तों की खतरनाक तस्वीर पेश करने के लिए पाकिस्तान ने ये कदम उठाए हैं।
भारत ने अपनी प्रतिक्रिया में पाकिस्तान को राजनयिक रिश्तों का स्तर कम करने और व्यापार निलंबित करने संबंधी फैसलों की समीक्षा करने का अनुरोध किया है।
पाकिस्तान फैसले
पाकिस्तान ने लिए हैं ये फैसले
बुधवार को जम्मू-कश्मीर पर भारत के फैसले को लेकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक हुई थी।
बैठक में पाकिस्तान के सेना प्रमुख समेत कई बड़े अधिकारी शामिल हुए थे।
इस बैठक में भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार निलंबित करने और राजनयिक संबंधों को कम करने का फैसला लिया गया था।
पाकिस्तान ने भारत के राजदूत को वापस भेजने और अपना राजदूत भारत न भेजने का फैसला भी लिया था।
जानकारी
मामले को UN ले जाएगा पाकिस्तान
इसके अलावा बैठक में पाकिस्तान ने मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र (UN) ले जाने और द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने का फैसला भी लिया गया। 14 अगस्त को पाकिस्तान के आजादी दिवस को कश्मीरियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए बनाने का फैसला भी लिया गया।
प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय ने दिया पाकिस्तान को जवाब
भारत की ओर से विदेश मंत्रालय ने मामले पर विस्तृत जवाब जारी करते हुए कहा, "हमने रिपोर्ट्स देखी हैं कि पाकिस्तान ने भारत से द्विपक्षीय रिश्तों के संबंध में एकतरफा फैसले लिए हैं। इनका उद्देश्य दुनिया के सामने हमारे द्विपक्षीय रिश्तों की खतरनाक तस्वीर पेश करना है।"
विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि पाकिस्तान ने अपने फैसलों के जो कारण दिए हैं, वो जमीनी सच्चाई से परे हैं।
आंतरिक मामला
भारत ने कहा- ये हमारा आंतरिक मामला
बयान में विदेश मंत्रालय ने अनुच्छेद 370 संबंधी फैसले को भारत का आंतरिक मामला बताया है।
इसमें लिखा है, "अनुच्छेद 370 से संबंधित ताजा घटनाएं पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला हैं। भारत का संविधान हमेशा एक संप्रभु मुद्दा था, है और रहेगा। क्षेत्र की खतरनाक तस्वीर पेश कर इस अधिकार क्षेत्र में दखलअंदाजी का मंसूबा कभी कामयाब नहीं होगा।"
बता दें कि इससे पहले अन्य कई देश भी इसे भारत का आंतरिक मामला बता चुके हैं।
बयान
"जम्मू-कश्मीर की बेहतरी के लिए लिए गए फैसले"
अपनी प्रतिक्रिया में विदेश मंत्रालय ने इससे जम्मू-कश्मीर के लोगों का लाभ होने की बात कही है।
इसके अनुसार, सरकार और संसद द्वारा लिए गए हालिया फैसलों का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को विकास के मौके प्रदान करना है, जो पहले संविधान में अस्थाई प्रावधान के कारण वहां नहीं पहुंच पाते थे।
बयान में कहा गया है कि इससे लैंगिंक और सामाजिक-आर्थिक भेदभाव खत्म होगा और आर्थिक गतिविधियों में तेजी के कारण जम्मू-कश्मीर के लोगों की आजीविका में सुधार होगा।
बयान
"पाकिस्तान की प्रतिक्रिया चौंकाने वाली नहीं"
बयान के अनुसार, मामले में पाकिस्तान की नकारात्मक प्रतिक्रिया चौंकाने वाली नहीं है और वह सीमापार आतंकवाद को सही ठहराने के लिए ऐसा करता रहा है। सरकार पाकिस्तान के फैसलों पर खेद व्यक्त करती है और उससे उनकी समीक्षा करने का अनुरोध करती है।