अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले का किस पार्टी ने किया समर्थन और किसने किया विरोध? जानें
क्या है खबर?
केंद्र सरकार के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त कर दी और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने का आदेश जारी किया।
जम्मू-कश्मीर की अपनी अलग विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा।
केंद्र सरकार के इस बड़े और ऐतिहासिक फैसले के कारण इस पर जमकर बहस हो रही है।
आइए जानते हैं कि किस पार्टी ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने का समर्थन किया और किसने विरोध।
विरोध
सहयोगी JD(U) ने किया बिल का विरोध
भारतीय जनता पार्टी के सहयोगियों में नीतीश कुमार की जनता दल (सेक्युलर) ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध किया।
पार्टी नेता केसी त्यागी ने संसद में बिल का बहिष्कार करने की बात कही।
पार्टी ने बयान जारी करते हुए कहा कि उनका इस विवादित मुद्दे पर विचार रहा है कि सरकार को इस पर आम सहमति बनाना चाहिए और फिर उसके बाद बिल पेश करके इसे पास करना चाहिए।
समर्थन
अरविंद केजरीवाल ने भी किया फैसले का समर्थन
भाजपा के विरोधियों में आम आदमी पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुद्दे पर सरकार का समर्थन किया।
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "हम जम्मू-कश्मीर पर सरकार के फैसले का समर्थन करते हैं। हमें उम्मीद है कि इससे राज्य में शांति आएगी और विकास होगा।"
AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार ने ये फैसला देशहित में लिया है और उनकी पार्टी जो फैसले देशहित में नहीं होते उनका विरोध करती है।
समर्थन
कट्टर विरोधी बसपा ने भी किया समर्थन
भाजपा की कट्टर विरोधी मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने भी अनुच्छेद 370 हटाए जाने का समर्थन किया।
राज्यसभा में बसपा सांसद सतीश चंद मिश्र ने कहा, "हमारी पार्टी आरक्षण पर जम्मू-कश्मीर बिल का समर्थन करती है। हम अन्य प्रस्तावों का भी विरोध नहीं करते।"
उन्होंने बाद में बताया कि मायावती ने इसलिए समर्थन देने का फैसला किया क्योंकि इससे देश के अन्य हिस्सों से आने वाले अल्पसंख्यक और दलित जम्मू-कश्मीर में भूमि खरीद सकेंगे।
विरोध
कांग्रेस ने किया जमकर विरोध
वहीं, कांग्रेस ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने का जमकर विरोध किया।
पार्टी नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में इसे भारतीय इतिहास का काला दिन बताया और कहा कि अनुच्छेद 370 को खत्म करके भाजपा गद्दारी कर रही है।
वहीं, पी चिदंबरम ने कहा, "अभी आपको लग सकता है कि आपकी जीत हुई। लेकिन आप गलत हैं और इतिहास ये साबित करेगा। भविष्य की पीढ़ियां देखेगी कि ये सदन आज कितनी गंभीर गलती कर रहा है।"
पक्ष
सपा का विरोध, तो BJD, TDP का समर्थन
इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने बिल का विरोध किया।
पार्टी सांसद रामगोपाल यादव ने राज्यसभा में कहा कि विश्व इतिहास इस बात का गवाह है कि लोगों को ताकत के दम पर दबाने की हर कोशिश असफल हुई है और सरकार को लोगों को भरोसो में लेना चाहिए था।
वहीं, नवीन पटनायक की बीजू जनता दल और चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी ने मोदी सरकार के इस कदम का समर्थन किया।