उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को परिवार से मिलने दिया गया, नजरबंद हैं दोनों पूर्व मुख्यमंत्री
लगभग एक महीने से घर में नजरबंद जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को उनके परिवारों से मिलने की इजाजत दे दी गई है। उमर और महबूबा को 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 और राज्य के बंटवारे पर लिए गए फैसले से एक रात पहले हिरासत में लिया गया था। तभी से दोनों को सार्वजनिक तौर पर नहीं देखा गया है। इस बीच जम्मू-कश्मीर में भी कड़ी पाबंदियां लगी हुई हैं।
हफ्ते में दो बार मिला उमर का परिवार
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को श्रीनगर के हरि निवास में नजरबंद किया हुआ है। वहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती को चश्माशाही में पर्यटन विभाग में नजरबंद रखा हुआ है। दोनों जगहों को उप-जेल घोषित कर दिया गया है। खबरों के अनुसार, उमर इस हफ्ते दो बार अपने परिवार से मिले। शनिवार को उनकी बहन साफिया और उनके बच्चे 20 मिनट के लिए उनसे मिले। वहीं महबूबा की मां और बहन गुरुवार को उनसे मिलीं।
फारूक अब्दुल्ला को नहीं मिली उमर से मिलने की इजाजत
उमर के परिजन कई बार डिप्टी कमिश्नर के दफ्तर गए थे जिसके बाद उन्हें उमर से मिलने की आजादी मिली। सबसे पहले 21 अगस्त को ईद के दिन उनकी फोन पर उमर से बातचीत कराई गई। हालांकि उनके पिता और तीन बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे फारूक अब्दुल्ला के अपने बेटे से मिलने देने के अनुरोध की कई बार खारिज कर दिया गया। फारुक अब्दुल्ला खुद घर में नजरबंद हैं।
ऐसे अपना समय काट रहे हैं उमर और महबूबा
सूत्रों के अनुसार, उमर और महबूबा दोनों में से किसी को केबल टीवी, न्यूज चैनल और अखबारों तक पहुंच नहीं है। हालांकि उमर को फिल्में देखने के लिए DVD प्लेयर दिया गया। खबरों के मुताबिक उमर किंडल पर किताबें पढ़कर, जिम में एक्सरसाइज करके और हरि निवास के परिसर में घूम कर अपना समय काट रहे हैं। वहीं, महबूबा अपना अधिकतर समय पढ़ने में बिता रही हैं। दोनों की जल्द ही रिहाई की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।
पूरे जम्मू-कश्मीर में लगी हुई हैं कई तरह की पाबंदियां
बता दें कि 5 अगस्त से ही पूरे जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट, केबल टीवी और फोन सेवाओं पर रोक सहित कई तरह की पाबंदियां लगी हुई हैं। इन पाबंदियों की वजह से कश्मीर बाहरी दुनिया से कटा हुआ है और वहां क्या हालात हैं, ये स्पष्ट नहीं है। हालांकि सरकार का दावा है कि घाटी में सब ठीक है और स्थानीय लोगों को भड़काने की पाकिस्तान की साजिश के कारण इंटरनेट से पाबंदी हटाने में देरी हो रही है।