नेशनल हेराल्ड मामले में बढ़ी सोनिया और राहुल गांधी की मुसीबत, ED ने भेजा समन
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी की मुसीबतें फिर से बढ़ गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मामले में उन्हें समन भेजकर 8 जून को पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा है। ED की इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है और कहा है कि भाजपा राजनीतिक विरोधियों को डराने के लिए जांच एजेंसियों का कठपुतियों की तरह इस्तेमाल कर रही है।
सोनिया और राहुल गांधी सहित इन नेताओं पर लगे थे आरोप
बता दें कि नेशनल हेराल्ड मामले में भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा, पत्रकार सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनका आरोप था कि यंग इंडिया लिमिटेड के जरिए इसका गलत तरीके से अधिग्रहण किया गया था और इससे कांग्रेस नेताओं ने 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हथिया ली। हालांकि, साल 2015 में इस मामले को बंद कर दिया था, लेकिन अब इसे फिर खोल दिया गया।
कांग्रेस ने आरोपों को किया था सिरे से खारिज
सुब्रमण्यन स्वामी की शिकायत पर ED ने मामले में मनी लांड्रिंग के प्रविधानों के तहत जांच शुरू की थी, लेकिन कांग्रेस ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। कांग्रेस का कहना है कि यंग इंडिया लिमिटेड के गठन लाभ कमाना के उद्देश्य से नहीं बल्कि चैरिटी के लिए किया गया है। लंबी जांच के बाद साल 2015 में मामले को बंद कर दिया गया था, लेकिन बाद में नए तथ्यों के आधार पर इसे फिर से खोल दिया।
आयकर विभाग ने गांधी परिवार पर निर्धारित किया था 249 करोड़ का टैक्स
इस मामले में 27 दिसंबर, 2017 के आयकर विभाग ने धोखाधड़ी वाले सौदे के रूप में गांधी परिवार को हुए 414.40 करोड़ के लाभ पर 249.15 करोड़ रुपये का टैक्स निर्धारित किया था। यंग इंडिया ने विभाग के इस आदेश को आयकर अपीलीय अभिकरण में चुनौती दी थी। इसका 31 मार्च, 2022 को निस्तारण किया गया। इसमें प्रथम अपीलीय अधिकारी के गांधी परिवार के लाभ की रकम को 395 करोड़ करने का निर्णय दिया था।
इन नेताओं से भी पूछताछ कर चुकी है ED
इस मामले में ED ने पिछले महीने पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को भी समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था। इसके बाद दोनों नेताओं ने ED अधिकारियों के समक्ष उपस्थित होकर सवालों के जवाब दिए थे। पूछताछ में ED अधिकारियों ने उनसे वित्तीय लेन-देन सहित कई पहलुओं को लेकर सवाल किए थे। उसके बाद से ही सोनिया और राहुल गांधी से भी पूछताछ की आशंका जताई जा रही थी।
कांग्रेस नेताओं ने साधा भाजपा पर निशाना
ED के समन भेजने पर कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "भाजपा राजनीतिक विरोधियों को डराने के लिए जांच एजेंसियों का कठपुतलियों की तरह इस्तेमाल कर रही है। ममता बनर्जी, फारूक अब्दुल्ला सहित सभी विपक्षी नेता केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर हैं।" उन्होंने कहा, "हम झुकेंगे नहीं और सामना करेंगे। सोनिया गाांधी खुद ED कार्यालय जाएंगी और सभी सवालों के जवाब देेंगी।"
सरकार को रास नहीं आया मामला बंद करना- सिंघवी
सिंघवी ने कहा, "ED ने 2015 में मामला बंद कर दिया था, लेकिन सरकार को रास नहीं आया और उसने संबंधित ED अधिकारियों को हटा दिया। सरकार नए अधिकारियों को लाई और अन्य मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए मामले को फिर से खोल दिया।"
बदले की भावना में अंधी हो गई मोदी सरकार- सुरजेवाला
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, "मोदी सरकार बदले की भावना में अंधी हो गई है। मनी लांड्रिंग का कोई सुबूत नहीं है। नेशनल हेराल्ड मामले में इक्विटी में केवल कन्वर्जन या ऋण दिया गया है।" उन्होंने कहा, "हम डरेंगे और झुकेंगे नहीं, डटकर लड़ेंगे। यह एक राजनीतिक लड़ाई है। समन कुछ दिन पहले भेजा गया था। यदि आवश्यक हुआ तो सोनिया गांधी निश्चित रूप से जाएंगी और राहुल गांधी के लिए कुछ समय मांगा जाएगा।"
हम लड़ेंगे और जीतेंगे- कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी की ओर से ट्वीट किया गया, 'जब कांग्रेस अंग्रेज हुकूमत के अत्याचारों से नहीं डरी, तो ED का नोटिस सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की हिम्मत को क्या ख़ाक तोड़ पाएगा। हम लड़ेंगे...हम जीतेंगे...हम झुकेंगे नहीं...हम डरेंगे नहीं।'