कांग्रेस में शामिल होने के कयासों के बीच चंद्रशेखर राव से मिले प्रशांत किशोर
क्या है खबर?
कांग्रेस में शामिल होने के कयासों के बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर शनिवार सुबह से तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के हैदराबाद स्थित आधिकारिक आवास पर रुके हुए हैं।
तेलंगाना में राव की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) और कांग्रेस एक-दूसरे के घोर विरोधी हैं, ऐसे में राव के साथ प्रशांत की इस बैठक पर कांग्रेस में भौंहे तन सकती हैं।
कांग्रेस में कल प्रशांत को पार्टी में शामिल करने पर मंथन होना है।
रिपोर्ट
आज भी जारी रहेगी राव और प्रशांत के बीच बातचीत
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, प्रशांत किशोर शनिवार सुबह हैदराबाद के प्रगति मैदान स्थित राव के आधिकारिक निवास पहुंचे और रातभर यहीं रुके। दोनों के बीच आज भी विचार-विमर्श होगा।
राव और प्रशांत इससे पहले भी एक-दो बार मिल चुके हैं और राव का कहना है कि प्रशांत अगले साल होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए उनकी सहायता कर रहे हैं।
इस चुनाव में कांग्रेस राव की मुख्य प्रतिद्वंद्वी रहेगी, जो राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भी है।
असर
राव और प्रशांत की इस मुलाकात का क्या असर पड़ सकता है?
राव के साथ प्रशांत की ये चर्चा कांग्रेस के साथ चल रही उनकी बातचीत में रोड़ा अटका सकती है। चूंकि राव और कांगेस विरोधी हैं, ऐसे में उनके साथ प्रशांत की मुलाकात से कांग्रेस का प्रशांत पर भरोसा करना मुश्किल हो सकता है।
एक संभावना ये भी है कि वे राव और कांग्रेस को साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस को पेश किए गए अपने प्लान में उन्होंने इसका जिक्र भी किया था।
पार्टियां का रुख
अकेले चुनाव लड़ना चाहते हैं कांग्रेस और TRS
हालांकि TRS और कांग्रेस दोनों ही साथ चुनाव लड़ने के प्रशांत के आइडिया से सहमत नहीं हैं और अलग-अलग विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
तेलंगाना कांग्रेस के प्रमुख रेवंथ रेड्डी राव और उनके बेटे केटी रामाराव के तीखे आलोचक हैं और विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए वे लगातार सभाएं कर रहे हैं।
राहुल गांधी भी 6 मई को तेलंगाना आने वाले हैं और यहां एक बड़ी रैली को संबोधित करेंगे।
समीकरण
राव की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा आसान कर सकती है प्रशांत का काम
तेलंगाना के साथ-साथ राव की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाएं भी हैं और वे राष्ट्रीय स्तर पर एक गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
उनकी ये महत्वाकांक्षा प्रशांत के फायदे में काम कर सकती है और राव को विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस के शामिल होने की अहमियत समझाई जा सकती है।
अटकलें हैं कि मौजूदा विचार-विमर्श में प्रशांत राव को यही समझाने की कोशिश कर रहे हैं। अगर वे राव को समझाने में कामयाब रहते हैं तो ये उनकी बड़ी सफलता होगी।