सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र, पेट्रोल के बढ़े दाम वापस लेने की मांग
क्या है खबर?
देश में लगातार बढ़ती पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों से आमजन बुरी तरह से त्रस्त हो रहा है। कई राज्यों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर पहुंच गया है।
इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को ऐतिहासिक एवं अव्यावहारिक करार दिया है। इसके अलावा उन्होंने आमजन के हित में बढ़ाई की कीमतों को वापस लेने की मांग की है।
पृष्ठभूमि
100 रुपये के पार पहुंचा पेट्रोल
बता दें कि पिछले दिनों देश के कुछ हिस्से में पेट्रोल के दाम 100 रुपये के पार पहुंच गया था। गत बुधवार को सबसे पहले राजस्थान के श्रीगंगानगर पेट्रोल 100 रुपय प्रति लीटर के पार पहुंच गया था।
उसके बाद गुरुवार को मध्य प्रदेश के अनूपपुर में दाम 100 रुपये प्रति लीटर के ऊपर पहुंच गए थे।
शुक्रवार को इंदौर और भोपाल में प्रीमियम पेट्रोल 101 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया था। इसका चहुंओर विरोध हो रहा है।
जानकारी
दिल्ली में 90 रुपये के पार पहुंच पेट्रोल
तेल कंपनियों की ओर से रविवार को भी पेट्रोल पर 39 पैसे और डीजल पर 37 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 90.58 रुपये प्रति लीटर और डीजल 80.97 प्रति लीटर पर पहुंच गया है।
पत्र
GDP गिर रही है और पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं- सोनिया गांधी
प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में सोनिया गांधी ने कहा कि एक तरफ सकल घरेलू उत्पाद (GDP) गोता खा रही है, वहीं दूसरी ओर पेट्रोल-डीजल और गैस के दामों में बेतरतीब बढ़ोतरी हो रही है।
इसके बाद भी सरकार अपने आर्थिक 'कुप्रबंधन' का ठीकरा पिछली सरकारों पर फोड़ने में लगी है।
उन्होंने आगे कहा कि लोगों की परेशानी को देखते हुए सरकार को बहाने बनाने के जगह इसका समाधान खोजने का प्रयास करना चाहिए।
अपील
कीमतें वापस लेकर अमजन को पहुंचाए राहत- सोनिया गांधी
सोनिया गांधी ने पत्र में लिखा, "मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि इन बढ़ोतरी को वापस लें और हमारे मध्यम और वेतनभोगी वर्ग, हमारे किसानों और गरीबों और हमारे साथी नागरिकों को लाभ दें।"
उन्होंने आगे लिखा कि देश में नौकरियों, मजदूरी और घरेलू आय में लगातार गिरावट आ रही है। इसके बाद भी पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों ने आमजन को बुरी तरह से त्रस्त कर दिया है। ऐसे में इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
आरोप
बढ़ती कीमतों को बताया दुस्साहसिक मुनाफाखोरी का उदाहरण
सोनिया गांधी ने पत्र में सवाल किया है कि सरकार कीमत बढ़ाने के अपने कदम को सही कैसे ठहरा सकती है? मोदी सरकार को लगभग सात साल पूरे हो गए हैं, लेकिन अब भी NDA सरकार अपने आर्थिक कुप्रबंधन के लिए पिछली सरकारों को दोषी ठहराती है।
उन्होंने कहा कि देश में कच्चे तेल का उत्पादन पिछले 18 साल के न्यूनतम है और UPA सरकार के कार्यकाल से आधी हैं। इसके बाद कीमतों में बढ़ोतरी दुस्साहसिक मुनाफाखोरी का उदाहरण है।
नसीहत
जनता का बोझ कम करने के लिए चुनी जाती है सरकार- सोनिया गांधी
सोनिया गांधी ने पत्र में लिखा सरकारों का चुनाव लोगों का बोझ कम करने के लिए किया जाता है, न कि उनके हितों पर कुठाराघात करने के लिए। वर्तमान में बढ़ती कीमतों के कारण मध्यम वर्ग, वेतनभोगी तबका, किसान, गरीब और आम आदमी बेहद परेशान है। ये लोग लंबे समय से अभूतपूर्व आर्थिक मंदी, बेरोजगारी और वेतन की कमी से जूझ रहे हैं।
उन्होंने सरकार से लोगों की खराब स्थिति को देखते हुए उन्हें राहत पहुंचाने की मांग की है।
जानकारी
रसोई गैस सिलेंडर के बढ़ते दामों का भी किया जिक्र
सोनिया गांधी ने कहा कि LPG के बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमतें दिल्ली में 769 रुपए और उत्तर प्रदेश में 800 रुपए को पार कर गई हैं। यह और भी निर्दयतापूर्ण है। इससे हर घर प्रभावित हुआ है। सरकार को इसे भी घटना चाहिए।