राहुल गांधी के नेतृत्व वाले कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को नहीं मिली लखीमपुर खीरी के दौरे की इजाजत
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश सरकार ने राहुल गांधी के नेतृत्व वाले कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति नहीं दी है। सरकार ने बड़ी सभाओं पर पाबंदी और धारा 144 का हवाला देते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखते हुए ये अनुमति मांगी थी। राहुल और उनके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सचिन पायलट इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।
प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी भी कर चुकी हैं लखीमपुर जाने का असफल प्रयास
राहुल से पहले उनकी बहन प्रियंका गांधी भी लखीमपुर खीरी जाने और पीड़ित किसानों के परिजनों से मिलने का प्रयास कर चुकी हैं। हालांकि उन्हें सोमवार सुबह लखनऊ से लखीमपुर जाते वक्त रास्ते में हरगांव में हिरासत में ले लिया गया था।
प्रियंका अभी भी हिरासत में हैं और उन्हें सीतापुर के सरकारी गेस्ट हाउस में रखा जा रहा है। उन्हें कल आधिकारिक तौर पर गिरफ्तार किया गया था और गेस्ट हाउस को अस्थायी जेल में बदल दिया गया है।
रोक
किसी विपक्षी नेता को लखीमपुर नहीं जाने दे रही सरकार
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार किसी भी विपक्षी नेता को लखीमपुर खीरी में घुसने की इजाजत नहीं दे रही है और उसने चरणजीत सिंह चन्नी और भूपेश बघेल के हेलीकॉप्टर्स को लखनऊ में उतरने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था।
यही नहीं, जब बघेल किसी अन्य काम से लखनऊ पहुंचे तो उन्हें एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने दिया गया। इसके विरोध में बघेल को एयरपोर्ट पर ही धरने पर बैठना पड़ा।
अन्य विपक्षी नेता
अखिलेश यादव समेत अन्य कई विपक्षी नेता भी हिरासत में
कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी (AAP), समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी आदि विपक्षी पार्टियों के नेता भी लखीमपुर जाने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन उन्हें भी हिरासत में ले लिया गया।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव सोमवार को ही लखीमपुर जाने वाले थे, लेकिन उन्हें उनके घर से हिरासत में ले लिया गया। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
पृष्ठभूमि
लखीमपुर खीरी में आखिर क्या हुआ था?
लखीमपुर खीरी में रविवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के दौरे के समय हिंसा हो गई थी जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत कुल नौ लोगों की मौत हुई।
मिश्रा एक कार्यक्रम के लिए लखीमपुर खीरी के तिकुनिया स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। लौटते वक्त मिश्रा के बेटे ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी जिसमें चार किसान मारे गए।
कुछ किसानों पर पीट-पीट कर तीन भाजपा कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर को मारने का आरोप है।
कार्रवाई और बचाव
बेटे के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज, मंत्री ने किया बचाव
मामले में मिश्रा के बेटे के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है। इसके अलावा कुछ किसानों के खिलाफ भी हत्या की धाराओं में FIR दर्ज की गई है।
मिश्रा ने अपने बेटे का बचाव करते हुए कहा है कि घटना के समय उनका बेटा मौके पर मौजूद नहीं था और उनके पास इसका वीडियो सबूत है।
उनका कहना है कि अगर उनका बेटा मौके पर मौजूद होता तो जिंदा बचकर नहीं आता।