संघर्ष या समाधान, किसी भी तरफ जा सकता है भारत-चीन सीमा विवाद- सरकारी सूत्र
क्या है खबर?
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ तनाव के बीच भारत सरकार के शीर्ष स्तरीय सूत्रों ने कहा है कि दोनों देशों के बीच का ये विवाद किसी भी तरफ जा सकता है और सैन्य संघर्ष की संभावना भी बनी हुई है। उन्होंने इस मोड़ पर बातचीत को बेहद अहम बताया है।
उनकी तरफ से ये बात ऐसे समय पर कही गई है जब आज ही दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच मॉस्को में बैठक होनी है।
रिपोर्ट
स्थानीय या पूरे इलाके में संघर्ष की आशंका से इनकार नहीं- सूत्र
'NDTV' से बात करते हुए शीर्ष सरकारी सूत्रों ने कहा कि भारत-चीन के मौजूदा विवाद में स्थानीय या पूरे इलाके में सैन्य संघर्ष की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
हालांकि कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत के जरिए समाधान का रास्ता अभी पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है और दोनों देश कॉर्प्स कमांडर स्तर के बीच बातचीत के एक और दौर के लिए तैयार हो गए हैं। हालांकि अभी इसकी तारीख निर्धारित नहीं हुई है।
बयान
"अभी युद्ध जैसी स्थिति नहीं, चीनी सैनिकों को आए हैं शीर्ष से आदेश"
पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर बनी स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए अधिकारियों ने कहा कि उनका मानना है कि युद्ध जैसी स्थिति अभी पैदा नहीं हुई है। उन्होंने इस बात की आशंका भी जाहिर की कि चीनी सैनिकों को किसी स्थानीय कमांडर से नहीं बल्कि शीर्ष से आदेश आए हैं।
बता दें कि विशेषज्ञ भी ये आशंका जाहिर कर चुके हैं कि चीनी सेना का ऐसा रवैया बिना राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आदेश के नहीं हो सकता।
रिपोर्ट
फिंगर चार के सामने वाली चोटियों पर जाकर बैठे भारतीय सैनिक- रिपोर्ट
NDTV को फिंगर चार के साथ वाली ऊंचाइयों पर कब्जा करने के लिए भारत द्वारा पिछले कुछ दिनों में कुछ कदम उठाने की जानकारी भी मिली है। इस कार्रवाई के बाद भारतीय सैनिक फिंगर चार की चोटियों पर जमा हुए चीनी सैनिकों के ठीक सामने पहुंच गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों के सैनिकों के बीच कुछ सौ मीटर की दूरी है और भारतीय सैनिकों को हटाने के लिए चीन को 19,700 फुट की ऊंचाई पर तैनाती करनी होगी।
दक्षिणी किनारा
दक्षिणी किनारे पर भारतीय सैनिकों ने बनाई 'रेड लाइन'
पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारों की बात करें तो मुखपरी, गुरुंग हिल, मगर हिल, रेजांग ला और रेचिन ला पर भारतीय सैनिक बैठे हुए हैं और उन्होंने कुछ ही दूरी पर कंटीले तार लगा दिए हैं।
ये तार एक तरह से 'रेड लाइन' की तरह हैं और चीनी सैनिकों को चेतावनी दे दी गई है कि अगर उन्होंने इससे आगे बढ़ने की कोशिश की तो आगे जो भी होगा उसके लिए वही जिम्मेदार होंगे।
जानकारी
भारतीय सैनिकों को जरूरत पड़ने पर हर हथियार का इस्तेमाल करने की आजादी
सबसे महत्वपूर्ण ये है कि चीन की बौखलाहट को देखते हुए भारत ने स्थानीय कमांडरों को स्थिति के अनुसार खुद से फैसला लेने की जिम्मेदारी दे दी गई है और वे जरूरत पड़ने पर अपने पास मौजूद हर हथियार का इस्तेमाल कर सकते हैं।
तनाव
एक-दूसरे की रेंज में हैं दोनों देशों के टैंक
दक्षिणी किनारे पर तनाव की बात करें तो चीन ने जहां 5,000 से 7,000 सैनिक तैनात किए हुए हैं और जबाव में भारत ने भी लगभग इसी संख्या में सैनिक तैनात किए हुए हैं। दोनों देशों ने टैंक भी तैनात किए हुए हैं और ये टैंक एक-दूसरे की रेंज में हैं।
पूरे इलाके की बात करें तो LAC पर चीन ने 50,000 सैनिक तैनात कर रखे हैं और भारत ने भी बड़ी संख्या में सैनिक तैनात कर रखे हैं।