कांग्रेस में फेरबदल: महासचिव पद से हटाए गए गुलाम नबी, टीम राहुल को मिलीं अहम जिम्मेदारियां
क्या है खबर?
पार्टी में बड़े सुधारों की मांग करने वाला पत्र लिखने वाले 23 कांग्रेस नेताओं में सबसे बड़े नाम रहे गुलाम नबी आजाद को पार्टी महासचिव के पद से हटा दिया गया है। शुक्रवार को संगठन में हुए बड़े फेरबदल में ये फैसला लिया गया।
हालांकि वह अभी भी कांग्रेस की सबसे उच्च स्तरीय समिति कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) के सदस्य बने हुए हैं।
इसके विपरीत राहुल गांधी के खेमे के माने जाने वाले नेताओं को अहम जिम्मेदारियां दी गई हैं।
फेरबदल
आजाद के अलावा इन नेताओं को भी महासचिव पद से हटाया गया
शुक्रवार को जारी अपने आदेश में संगठन में बड़े फेरबदल करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुलाम नबी आजाद के साथ-साथ मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी और मल्लिकार्जुन खड़गे को भी अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (AICC) के महासचिव के पद से हटा दिया है।
पत्र लिखने वाले नेताओं में शामिल रहे एक अन्य नेता जतिन प्रसाद को भी उत्तर प्रदेश से हटाकर पश्चिम बंगाल का प्रभार दे दिया गया है। प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी संभालती रहेंगी।
फेरबदल
CWC का दोबारा गठन, सुरजेवाला को सबसे अधिक फायदा
CWC का भी दोबारा गठन किया गया है और आजाद इसमें बने हुए हैं। वहीं पी चिदंबरम, तारिक अनवर, रणदीप सुरजेवाला और जितेंद्र सिंह को इसका नियमित सदस्य बनाया गया है।
राहुल गांधी के करीबी सुरजेवाला को इस फेरबदल में सबसे अधिक फायदा हुआ है। उन्हें संगठन में बदलाव के लिए बनी एक विशेष समिति का हिस्सा बनाया गया है और महासचिव के तौर पर कर्नाटक का प्रभार भी दिया गया है। वह पार्टी के मुख्य प्रवक्ता भी बने रहेंगे।
जानकारी
राहुल गांधी की टीम के अन्य नेताओं को भी अहम जिम्मेदारियां
गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले केसी वेणुगोपाल को भी सुरजेवाला की तरह ज्यादातर समितियों का हिस्सा बनाया गया है। वहीं राहुल की टीम में शामिल जितेद्र सिंह को भी असम का प्रभार दिया गया है।
विशेष समिति
सोनिया गांधी की मदद के लिए बनाई गई विशेष समिति
संगठन और पार्टी से संबंधित मसलों में सोनिया गांधी की मदद करने के लिए एक छह सदस्यीय विशेष समिति भी बनाई गई है और एके एंटनी, अहमद पटेल, अंबिका सोनी, केसी वेणुगोपाल सुरजेवाला और मुकुल वासनिक को इसमें शामिल किया गया है।
बता दें कि वासनिक भी पत्र लिखने वाले नेताओं में शामिल थे। इस महत्वपूर्ण समिति में जगह के अलावा उन्हें महासचिव बनाते हुए मध्य प्रदेश का प्रभार भी दिया गया है।
नाखुशी
बदलावों से खुश नहीं हैं पत्र लिखने वाले नेता
बता दें कि कांग्रेस में ये फेदबदल 23 नेताओं के पत्र लिखने के लगभग एक महीने बाद किया गया है। सोनिया गांधी को भेजे गए अपने इस पत्र में उन्होंने पार्टी में बड़े सुधारों की मांग की थी और पार्टी के पुनरुद्धार के लिए एक पू्र्णकालिक और दिखने वाले नेतृत्व की जरूरत बताई थी।
हालांकि ये नेता अभी किए गए इन सुधारों से खुश नहीं हैं और उनका मानना है कि ये बस दिखावटी बदलाव हैं।