प्रधानमंत्री मोदी को 'चोरों का सरदार' कह मुश्किलों में घिरे राहुल, अदालत ने जारी किया समन
लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री मोदी को 'चोरों का सरदार' कहने के मामले में मुंबई की एक अदालत ने राहुल गांधी को समन भेजा है। राफेल डील को लेकर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर यह टिप्पणी की है। इसके बाद उनके खिलाफ भाजपा कार्यकर्ता महेश श्रीश्रीमल ने मानहानि की याचिका दायर की थी। इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए गिरगांव मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट ने राहुल गांधी को 3 अक्तूबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
पिछले साल सितंबर में राहुल गांधी ने कई ट्वीट किए थे। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिए बिना उन्हें 'चोरों का सरदार' कहकर निशाना साधा था। शिकायतकर्ता ने कहा कि राहुल की यह टिप्पणी न सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपमानजनक है बल्कि इससे भाजपा कार्यकर्तों की भी मानहानि हुई है। कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत राहुल गांधी को उसके समक्ष पेश होने का आदेश दिया है।
कांग्रेस ने बनाया था राफेल डील को बड़ा मामला
लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने राफेल डील में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे को भुनाने की कोशिश की थी। कांंग्रेस ने अपना पूरा चुनाव प्रचार इसी के इर्द-गिर्द रखा था। तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर खूब निशाना साधा था। वो अकसर अपने भाषणों में प्रधानमंत्री मोदी के लिए 'चौकीदार चोर है' का नारा इस्तेमाल करते थे। हालांकि, इसे लेकर उन्हें सुप्रीम कोर्ट से माफी भी मांगनी पड़ी थी।
लोकसभा चुनावों के बाद मानहानि के मामले झेल रहे राहुल
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ दिए गए बयानों पर हुए मानहानि के मुकदमों में राहुल गांधी जुलाई में पांच अलग-अलग अदालतों में पेश हुए थे। राहुल गांधी पर पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या को RSS से जोड़ने के बयान, 'सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है' कहने के लिए, अमित शाह को "हत्या का आरोपी" कहने के लिए मानहानि के मुकदमे चल रहे हैं।