योगी के मंत्री बोले- मायावती बिजली का नंगा तार, जो छूता है मर जाता है

उत्तर प्रदेश के एक मंत्री ने बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती को लेकर विवादित बयान देते हुए उनकी तुलना बिजली के नंगे तार से की है, जिसे छूने वाला व्यक्ति मर जाता है। नए नवेले मंत्री बने गिरिराज सिंह धर्मेश ने कांशीराम की मौत को लेकर भी मायावती पर सवाल खड़े किए हैं और कहा कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले में जांच की मांग करेंगे। धर्मेश ने और क्या-क्या कहा है, आइए आपको बताते हैं।
बुधवार को आगरा के सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार में समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनहित कल्याण राज्यमंत्री गिरिराज सिंह धर्मेश ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, "वह किसी की सगी नहीं हैं। समाजवादी पार्टी (SP) को भी उन्होंने धोखा दिया। जीरो पर थीं लोकसभा चुनाव में दस पर पहुंच गईं और SP पांच पर सिमट गई। वह बिजली का नंगा तार हैं। जो उन्हें छुएगा, वही मरेगा।"
धर्मेश ने भारतीय जनता पार्टी के साथ मायावती के धोखे की भी बात की। उन्होंने कहा, "भाजपा के दिवंगत नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी ने गेस्ट हाउस कांड में मायावती की जान बचाई थी। भाजपा ने उन्हें तीन बार मुख्यमंत्री बनने में मदद की। मायावती को खुद याद होगा।" उन्होंने कहा कि मायावती ने जो अकूत संपत्ति जमा की है उसकी जांच होगी और इसकी जांच से डरकर उन्होंने अपने सुर बदले हैं।
धर्मेश ने बसपा संस्थापक कांशीराम की मौत को लेकर भी मायावती पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, "कांशीराम की मौत प्राकृतिक नहीं थी। वह रहस्यमयी परिस्थितियों में मरे। मायावती की निगरानी में उनका इलाज हो रहा था। कांशीराम की बहन का कहना है कि मायावती ने उनकी हत्या की। मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ से मिलकर मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जांच की मांग करूंगा।" बता दें कि कांशीराम ही मायावती को राजनीति में लेकर आए थे।
Uttar Pradesh Minister Giriraj Singh Dharmesh: Kanshi Ram (BSP founder) didn't die naturally, he died in suspicious circumstances, he was being treated under Mayawati's watch. Kanshi Ram's sister is saying Mayawati murdered him, I'll appeal to the CM to get it investigated by CBI pic.twitter.com/ILqfdZVHU6
— ANI UP (@ANINewsUP) August 29, 2019
धर्मेश 1994 से भाजपा से जुड़े हुए हैं और आगरा छावनी की सीट से विधायक हैं। भाजपा में शामिल होने से पहले वह कांग्रेस में थे। पेशे से डॉक्टर धर्मेश पहली बार 2012 में आगरा छावनी से चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए। आखिर में 2017 विधानसभा चुनाव में उन्हें सफलता मिली। वह नगर निगम सभासद भी रह चुके हैं। उन्हें पिछले हफ्ते हुए कैबिनेट विस्तार में ही राज्यमंत्री बनाया गया है।