#NewsBytesExplainer: CWC का ऐलान, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कैसे साधे चुनावी और असंतुष्ट नेताओं के समीकरण?
क्या है खबर?
इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी नई टीम का ऐलान कर दिया है।
कांग्रेस कार्यकारिणी समिति (CWC) के 39 सदस्यों के नामों की सूची जारी की गई है, जिसमें गांधी परिवार के तीनों सदस्य समेत सचिन पायलट, शशि थरूर और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी जगह मिली है।
आइए समझते हैं कि कांग्रेस ने सूची के जरिए कैसे समीकरणों को साधने की कोशिश की है।
नाम
सबसे पहले सूची के बड़े नामों के बारे में जानिए
CWC में राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, अधीर रंजन चौधरी, एके एंटनी, दिग्विजय सिंह, पी चिदंबरम, अजय माकन, चरणजीत सिंह चन्नी, अभिषेक मनु सिंघवी, सलमान खुर्शीद, जयराम रमेश, रणदीप सिंह सुरजेवाला और केसी वेणुगोपाल जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
इसके अलावा विशेष आमंत्रित सदस्यों में पवन खेड़ा, पल्लम राजू, सुप्रिया श्रीनेत और अलका लांबा को जगह मिली है। स्थायी आमंत्रित सदस्यों में मनीष तिवारी और दीपेंद्र हुड्डा के नाम शामिल हैं।
चुनाव
विधानसभा चुनाव पर खास फोकस
बता दें कि इस साल के अंत में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है। सूची में इन राज्यों को अहमियत दी गई है। मध्य प्रदेश से दिग्विजय सिंह, मिनाक्षी नटराजन और कमलेश्वर पटेल को जगह मिली है।
छत्तीसगढ़ से ताम्रध्वज साहू और फूलो देवी नेताम को शामिल किया गया है।
राजस्थान से सचिन पायलट को केंद्रीय नेतृत्व में जगह देकर अशोक गहलोत के खिलाफ विद्रोह को शांत करने की कोशिश की गई है।
युवा
युवा चेहरों को मिली जगह
खड़गे की नई टीम में कई युवा चेहरों का जगह मिली है। सचिन पायलट, गौरव गोगोई, दीपेंद्र सिंह हुड्डा और कमलेश्वर पटेल ऐसे नेता हैं, जिनकी उम्र 50 साल से कम है।
इस साल की शुरुआत में हुए कांग्रेस के अधिवेशन में पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि सभी समितियों में 50 प्रतिशत पदों पर 50 साल से कम उम्र के लोगों की नियुक्ति की जाएगी।
G30
G23 नेताओं को साधने की कोशिश
सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी नेतृत्व से असंतुष्टि जताने वाले नेताओं को भी CWC में जगह मिली है। इन 23 नेताओं को पार्टी में G23 कहा जाता है। इनमें आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, मुकुल वासनिक, वीरप्पा मोइली और शशि थरूर का नाम शामिल हैं।
थरूर ने तो खड़गे के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन वे हार गए थे। इसके बावजूद खड़गे की टीम में थरूर को जगह मिली है।
लोकसभा
लोकसभा चुनावों का भी रखा ध्यान
पार्टी ने सूची के जरिए 2024 के लोकसभा चुनावों को भी साधने की कोशिश की है। G23 समूह के नेताओं को जगह देकर अहम नेताओं को किसी भी तरह की बगावत से रोकने और संतुष्ट करने का प्रयास किया गया है।
समिति में करीब-करीब देशभर के नेताओं को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है। खबर है कि खड़गे ने राहुल और सोनिया गांधी के साथ सूची को लेकर कई बार मंथन किया है।
समिति
क्या होती है कार्यकारिणी समिति?
बता दें कि CWC कांग्रेस में सबसे शक्तिशाली समिति है। इसका गठन साल 1920 में कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन के दौरान किया गया था।
पार्टी के संविधान के नियमों की व्याख्या, उन्हें लागू करना और पार्टी के अध्यक्ष को हटाने और नियुक्त करने का काम भी CWC के पास होता है।
इसी साल रायपुर में हुए कांग्रेस के अधिवेशन में फैसला लिया गया था कि समिति के सदस्यों का चुनाव नहीं होगा और कांग्रेस अध्यक्ष इन्हें नामित करेंगे।