राजस्थान के बागी विधायकों से बातचीत को तैयार कांग्रेस, लेकिन रखी एक शर्त
कांग्रेस राजस्थान के अपने बागी विधायकों से बातचीत करने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए उसने बागियों के सामने एक शर्त रखी है। कांग्रेस का कहना है कि बागी विधायकों को पहले हरियाणा की भाजपा सरकार की मेजबानी छोड़नी होगी और इसी के बाद उनके साथ कोई बातचीत की जाएगी। बता दें कि सचिन पायलट के खेमे के 19 विधायक पायलट की बगावत के बाद से ही हरियाणा के गुरूग्राम के दो होटलों में रुके हुए हैं।
बागी विधायकों की सुरक्षा में लगे 1,000 पुलिसकर्मी- कांग्रेस
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बागी विधायकों की कांग्रेस में वापसी के सवाल पर पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "हरियाणा में आए दिन बच्चों की हत्याएं हो रही हैं, सामूहिक दुष्कर्म हो रहे हैं, गुड़गांव में लोगों को सरेराह पीटा जा रहा है और उनके लिए पुलिस उपलब्ध नहीं है। लेकिन बागी 19 विधायकों की सुरक्षा के लिए लगभग 1,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। कांग्रेस के नाराज विधायकों को भाजपा जो सुरक्षा दे रही है, उसके क्या मायने हैं।"
"पहले भाजपा की मेहमानवाजी छोड़ें बागी विधायक"
सुरजेवाला ने कहा, "इसलिए बागी विधायकों को पहले हरियाणा पुलिस की सुरक्षा छोड़नी होगी। पहले भाजपा की आवभगत छोड़ें, भाजपा से मित्रता तोड़ें और उसका साथ छोड़ें।" बागियों के सामने शर्त रखते हुए उन्होंने कहा, "बागी विधायकों के साथ वार्तालाप हो, इसके लिए जरूरी है कि वह भाजपा की मेहमानवाजी छोड़ें। मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली हरियाणा की भाजपा सरकार का सुरक्षा चक्र छोड़ें और घर वापसी करें, तभी उनके साथ वार्तालाप होगा।"
अशोक गहलोत ने भी दिए थे बागियों के प्रति नरमी के संकेत
बता दें कि इससे पहले शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बागियों के प्रति नरमी के संकेत दिए थे। पहले सचिन पायलट के लिए कड़े शब्दों का प्रयोग करने वाले गहलोत ने कहा था कि अगर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व बागियों को माफ कर देता है तो उन्हें उनकी वापसी से कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा था, "अगर पार्टी हाईकमान उन्हें माफ कर देती है तो मैं उन्हें गले लगा लूंगा। इसमें प्रतिष्ठा की कोई बात नहीं है।"
पिछले महीने की थी सचिन पायलट ने बगावत
राजस्थान की कांग्रेस सरकार में नंबर दो रहे सचिन पायलट ने जुलाई की शुरूआत में मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी। इसके बाद से ही पायलट और उनके खेमे के अन्य 18 विधायक गुरूग्राम में डेरा डाले हुए हैं। बागी खेमे का दावा है कि गहलोत की सरकार अल्पमत में हैं, वहीं गहलोत ने अपने समर्थन में 102 विधायक होने का दावा किया है। राजस्थान विधानसभा में 200 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 101 है।
कोर्ट में एक-दूसरे के आमने-सामने हैं कांग्रेस और बागी खेमा
कांग्रेस ने स्पीकर के पास बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव भी भेजा है और उनकी सदस्यता पर तलवार लटकी हुई है। हालांकि बागी विधायक इसके खिलाफ राजस्थान हाई कोर्ट चले गए हैं जिसके स्पीकर के फैसला लेने पर रोक लगाई हुई है।