भारत में पिछले 20 सालों में सांप काटने से हुई 12 लाख लोगों की मौत
भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां अधिकतर लोग कृषि पर आधारित हैं। ऐसे में यहां सांप के काटने की घटनाएं आम बात है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में पिछले 20 सालों में सांप के काटने से 12 लाख लोगों की मौत हुई है। ओपन एक्सेस जर्नल ई-लाइफ में प्रकाशित एक अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है। इस अध्ययन को भारतीय और विदेशी विशेषज्ञों ने 'मिलियन डेथ स्टडी' से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर किया है।
भारत में कामकाजी वर्ग के लोगों की हुई सबसे अधिक मौत
BBC की रिपोर्ट के अनुसार अध्ययन में बताया गया है कि भारत में हुई 12 लाख लोगों की मौत में से करीब 50 प्रतिशत मौत 30-69 आयु वर्ग के लोगों की हुई है। इसी प्रकार 25 प्रतिशत मौत बच्चों की हुई है। भारत में ज्यादातर मौत रसेल वाइपर, करैत और कोबरा प्रजाति के सांपों के काटने से हुई है। इसी तरह अन्य मौतें सांपों की 12 अन्य प्रजातियों के काटने और समय पर उपचार नहीं मिलने से हुई है।
मानसून की अवधि में हुई हैं 50 प्रतिशत मौतें
भारत में हुई कुल मौतों में 50 प्रतिशत मौतें मानसून काल यानी जून से सितंबर के बीच हुई है। इस अवधि में बारिश के कारण सांप अपने बिल से बाहर निकलते हैं। सबसे अधिक मौत सांपों के पैरों में काटने से हुई है।
देश के नौ राज्यों में हुई 70 प्रतिशत मौतें
अध्ययन के अनुसार भारत में साल 2001 से 2014 के बीच सांप के काटने से हुई कुल मौतों में से 70 प्रतिशत मौतें नौ राज्यों में हुई हैं। इनमें बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और गुजरात राज्यों में हुई है। भारत में औसतन 70 की उम्र तक पहुंचने पर सांप के काटने से 250 में से एक जने की मौत होती है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में यह आंकड़ा 100 लोगों में एक का है।
बहुत ही आक्रामक होता है रसेल वाइपर
अध्ययन में बताया गया है कि रसेल वाइपर बेहतर आक्रामक सांप होता है और यह पूरे भारत और दक्षिण एशिया में मुख्य रूप से पाया जाता है। यह शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में पाया जाता है। करैत सांप आमतौर पर रात में हमला करता है और उसी लंबाई 1.75 मीटर (5 फीट 9 इंच) तक होती है। इसी तरह कोबरा आमतौर पर रात में शिकार करता है और इसके काटने पर तत्काल उपचार की जरूरत होती है।
सांप जनित हादसों से बचने के लिए दिया यह सुझाव
अध्ययन में कहा गया है कि भारत में सबसे अधिक घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में हुई है। यहां सांप जनित हादसों से बचने के लिए किसानों को शिक्षित किया जाना आवश्यक है। कृषि अधिकारियों को कृषकों को सुरक्षित फसल कटाई, खेत में काम करते समय रबर के जूते, ग्लव्ज और मशालों का उपयोग करने के लिए जागरुक करना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी सांप के काटने की घटनाओं को वैश्विक स्वास्थ्य प्राथमिकता में लिया है।
दुनियाभर में प्रतिवर्ष सांप के काटने की होती है 54 लाख घटनाएं
अध्ययन के अनुसार दुनियाभर में प्रतिवर्ष सांप के काटने 54 लाख घटनाएं होती है। इनमें से प्रतिवर्ष 81,000 से 1.38 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इसके अलावा चार लाख से अधिक लोग सांप के काटने के बाद समय पर उपचार मिलने से जिंदा तो बच जाते हैं, लेकिन उनमें किसी ना किसी स्तर की विकलंगता आ जाती है। ऐसे में दुनियाभर में सांप के काटने की घटनाओं को गंभीरता से लिया जा रहा है।