राज्यसभा उम्मीदवार के चयन पर राजस्थान कांग्रेस में कलह, विधायक ने जताया विरोध
क्या है खबर?
राज्यसभा टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस में चल रहा आपसी कलह शांत होने का नाम नहीं ले रही है।
टिकट न मिलने की संभावना को लेकर जहां मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गत मंगलवार को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया, वहीं अब राजस्थान कांग्रेस में राज्यसभा उम्मीदवार चयन को लेकर चाकसू विधायक ने विरोध कर दिया है।
विधायक ने शुक्रवार को विधानसभा में बैनर लहराकर विरोध जताया।
जानकारी
26 मार्च को होंगे राजस्थान में चुनाव
बता दें कि राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होंगे। इसके लिए कांग्रेस की ओर से केरल के केसी वेणुगोपाल और महासचिव नीरज डांगी को टिकट दिया है। दोनो उम्मीदवारों ने शुक्रवार को अपने नामांकन दाखिल कर दिए।
विरोध
नीरज डांगी के टिकट पर विधायक ने जताया विरोध
कांग्रेस की ओर से महासचिव नीरज डांगी को दिए गए टिकट पर चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने विधानसभा में बैनर लहराकर विरोध जताया।
सोलंकी का कहना है कि डांगी तीन बार विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। इसके बाद भी उन्हें टिकट दिया जाना समझ नहीं आ रहा है।
उन्होंने पार्टी आलाकमान से पूछा है कि क्या पार्टी में डांगी ही एकमात्र अनुसूचित जाति के उम्मीदवार हैं?
आपको बता दें कि डांगी को मुख्यमंत्री गहलोत का करीबी माना जाता है।
सवाल
कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी ने उठाए सवाल
नीरज डांगी को टिकट दिए जाने को लेकर विधायक सोलंकी के अलावा पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर सवाल किया कि पार्टी ने टिकट देने के लिए क्या मापदंड निर्धारित किए थे?
पार्टी ने तीन बार विधानसभा और एक बार निकाय चुनाव हारने वाले को किस आधार पर टिकट दिया?
पार्टी उन्हें टिकट देकर क्या संदेश देना चाहती है? क्या कांग्रेस में टिकट हासिल करने के लिए ताकतवर नेता के करीब होना पड़ेगा?
निकटता
मुख्यमंत्री गहलोत से निकटता के कारण टिकट देने का आरोप
वरिष्ठ कांग्रेस पदाधिकारी ने आरोप लगाया कि डांगी को इतने चुनाव हारने के बाद भी मुख्यमंत्री गहलोत से निकटता रखने के कारण टिकट दिया गया है।
उन्होंने कहा कि डांगी पहले युवा कांग्रेस के अध्यक्ष पद रह चुके हैं और उनके पिता दिनेश राय डांगी देसुरी से विधायक रहे हैं, लेकिन पार्टी में उनका योगदान सीमित ही रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी ने विधायकों की सलाह पर गौर नहीं किया और बिना आधार के टिकट बांट दिए।
जानकारी
18 मार्च तक वापस लिए जा सकते हैं नामांकन
आपको बता दें कि 26 मार्च को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 13 मार्च थी। ऐसे में अब उम्मीदवार 18 मार्च तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। आवश्यकता पड़ने पर 26 मार्च को मतदान और उसी दिन मतगणना होगी।
सीट
कांग्रेस को दो और भाजपा को एक सीट मिलने की उम्मीद
राजस्थान में तीन राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव में विधायकों की संख्या के आधार पर कांग्रेस के पाले में दो सीट और भाजपा के खाते में एक सीट जाती नजर आ रही है।
हालांकि मतदान की स्थिति में क्रॉस वोटिंग भी हो सकती है। भाजपा को कांग्रेस के आपसी कलह के कारण क्रॉस वोटिंग होने की उम्मीद है।
इधर कांग्रेस नेताओं की माने तो पार्टी में कोई फूट नहीं है और सभी सदस्य पार्टी के साथ हैं।