राज्यसभा के 16 नए सांसदों के खिलाफ दर्ज हैं आपराधिक मामले, 11 गंभीर अपराधों में शामिल
क्या है खबर?
देश के 18 राज्यों में इस साल हुए राज्यसभा चुनाव में जीत हासिल कर 62 सांसद राज्यसभा पहुंच चुके हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि 26 प्रतिशत यानी 16 सांसद आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं।
इसी तरह 18 प्रशित यानी 11 सांसदों के खिलाफ गंभीर अपराध जैसे हत्या, दुष्कर्म, हत्या का प्रयास और डकैती के मामले लंबित हैं।
नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
जानकारी
दुष्कर्म का आरोपी है एक राज्यसभा सांसद
ADR की रिपोर्ट के अनुसार तीन सांसदों के खिलाफ महिला अपराध के मामले दर्ज हैं और इनमें से एक दुष्कर्म का आरोपी है। इसी तरह एक सांसद के खिलाफ हत्या और दो सांसदों के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले लंबित चल रहे हैं।
पार्टी
किस पार्टी के कितने सांसदों के खिलाफ दर्ज हैं आपराधिक मामले?
ADR की रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के 18 सांसदों में से दो, कांग्रेस के नौ सांसदों में से तीन NCP के दोनों सांसद, YSR-कांग्रेस के चार में से दो सांसदों ने अपने हलफनामें में आपराधिक मामलों की पुष्टि की है।
इसी तरह तृणमूल कांग्रेस (TMC), बीजू जनता दल (BJD), द्रविड मुनेत्र कड़गम (DMK), राष्ट्रीय जनता दल (NJP), जनता दल युनाइटेड (JDU), RPI-A के एक-एक सहित एक निर्दलीय सांसद ने आपराधिक मामलों की पुष्टि की है।
राज्यवार
महाराष्ट्र के सबसे ज्यादा सांसदों के खिलाफ दर्ज हैं आपराधिक मामले
रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र से सबसे अधिक सात में चार सांसद आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।
इसी प्रकार बिहार के पांच में से दो, तमिलनाडु के छह में से एक, पश्चिम बंगाल में पांच में से एक, आंध्र प्रदेश में चार में से दो, गुजरात में चार में से एक, मध्यप्रदेश के तीन में से एक, राजस्थान में तीन में से एक, झारखंड के दो सांसद और असम के एक सांसद के खिलाफ मामले दर्ज हैं।
करोड़पति
84 प्रतिशत सांसद हैं करोड़पति
रिपोर्ट के अनुसार 62 नए राज्यसभा सांसदों में से 84 प्रतिशत यानी 52 सांसद करोड़पति हैं। इन्होंने अपने हलफनामे में संपत्ति का उल्लेख किया है। चुने गए सांसदों की औसत संपति 74.02 करोड़ रुपये है।
इनमें भाजपा के सबसे ज्यादा 18 सांसदों में से 14 सांसद करोड़पति हैं। इसी प्रकार कांग्रेस के पार्टी के चुने गए नौ सांसदों में से 8 सांसद करोड़पति हैं। इसी DMK, ADIMK, TRS, RJD, NCP और JDU के सभी सांसद करोड़पति हैं।
सबसे अमीर
सबसे अमीरों में पहले दो स्थानों पर काबिज हैं YSR-कांग्रेस के सांसद
रिपोर्ट के अनुसार सबसे अमीरों में पहले दो स्थानों पर YSR-कांग्रेस के सांसद हैं। पहले नंबर है पर काबिज अल्ला अयोध्या रामी रेड्डी की कुल संपत्ति 2,577 करोड़ है और इन पर 154 करोड़ रुपये के कर्ज भी है।
इसी तरह दूसरे नंबर पर काबिज नाथवानी परिमल की कुल संपत्ति 396 करोड़ रुपये से अधिक हैं। इन पर 209 करोड़ रुपये का कर्ज है।
इसी तरह तीसरे नंबर हैं भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया की कुल संपत्ति 379 करोड़ रुपये हैं।
सबसे कम
इन सांसदों के पास है सबसे कम संपत्ति
रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के महाराजा संजाओबा लिसेम्बा की संपत्ति सबसे कम 5,48,594 रुपये है। दूसरे नंबर पर भी भाजपा के ही अशोक गस्ती हैं और उनकी कुल संपत्ति केवल 19,40,048 रुपये है।
तृणमूल कांग्रेस की अर्पिता घोष तीसरे स्थान पर हैं। उनकी कुल संपत्ति 23,89,913 रुपये हैं।
इन सांसदों में सबसे ज्यादा अचल संपत्ति ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम पर है और उसकी कुल कीमत 328 करोड़ रुपये से अधिक है।
जानकारी
सबसे उम्रदराज सांसद हैं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा
रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक उम्र के सांसद JDS नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा (87) हैं। सबसे कम उम्र की सांसद पश्चिम बंगाल की मौसम नूर (40)है। 32 सांसदों की उम्र 30 से 60 और 30 सांसदों की उम्र 60-87 के बीच है।
शिक्षा
31 सांसदों ने कर रखी है स्नातक की पढ़ाई
रिपोर्ट के अुनसार चुने गए 62 सांसदों में से 50 प्रतिशत यानी 31 ने स्नातक स्तर तक की पढ़ाई कर रखी है।
इसी तरह 23 प्रतिशत यानी 14 सांसदों ने स्नातकोत्तर और 10 प्रतिशत यानी छह सांसदों ने डॉक्टरेट, एक ने डिप्लोमा की पढ़ाई कर रखी है।
इसी तरह महज 16 प्रतिशत यानी 10 सांसद कक्षा आठ से दसवीं तक ही पढ़े हुए हैं। चुने गए कुल सांसदों में से महज 13 प्रतियात यानी केवल 8 सांसद महिला उम्मीदवार हैं।
चुनाव
इन राज्यों में हुए थे राज्यसभा चुनाव
बता दें कि इस साल महाराष्ट्र की सात, तमिलनाडु की छह, बिहार और पश्चिम बंगाल की पांच-पांच, ओडिशा और कर्नाटक की चार-चार, असम की तीन, छत्तीसगढ़, हरियाणा, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश की दो-दो सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ था।
इसी प्रकार गत 19 जून को आज आंध्र प्रदेश और गुजरात की चार-चार, मध्य प्रदेश और राजस्थान की तीन-तीन, झारखंड की दो और मणिपुर, मिजोरम और मेघालय की एक-एक सीट पर चुनाव हुआ था।