Page Loader
अमित शाह के पत्र का मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिया जवाब, बोले- सरकार की कथनी-करनी में अंतर
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अमित शाह को लिखा पत्र

अमित शाह के पत्र का मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिया जवाब, बोले- सरकार की कथनी-करनी में अंतर

Jul 26, 2023
06:36 pm

क्या है खबर?

कांग्रेस के अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मणिपुर पर संसद में चल रहे गतिरोध को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा कि विपक्ष प्रधानमंत्री से सदन में बयान देने की मांग कर रहा है, लेकिन ऐसा लगता है कि इससे उनके सम्मान को ठेस पहुंचेगी। दरअसल, शाह ने एक दिन पहले विपक्षी पार्टियों को संसद में चर्चा को लेकर सहयोग मांगते हुए पत्र लिखा था।

पत्र 

केंद्र सरकार का रवैया असंवेदनशील- खड़गे

खड़गे ने जवाब देते हुए शाह को लिखा, "आपका पत्र तथ्यों के विपरीत है। मणिपुर में जिस तरह की गंभीर स्थिति पिछले 84 दिनों से चल रही है, उसमें हमारी मांग है कि वहां पर शांति बहाली को लेकर तुरंत आवश्यक कदम उठाए जाएं।" उन्होंने आगे लिखा, "आपके पत्र में व्यक्त भावनाओं की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर हैं। सरकार का रवैया आपके पत्र के भाव के विपरीत सदन में असंवेदनशील और मनमाना रहा है।"

पत्र

खड़गे ने की प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी की निंदा

खड़गे ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी की निंदा भी की है, जिसमें उन्होंने विपक्ष के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) के नाम पर निशाना साधा था। खड़गे ने लिखा, "सत्तापक्ष और विपक्ष में समन्वय का अभाव वर्षों से दिख रहा है और अब यह खाई सत्तापक्ष में भी दिखने लगी है। विपक्षी दलों को दिशाहीन बताना बेतुका ही नहीं, बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण भी है।"

पत्र 

शाह ने खड़गे और चौधरी को लिखा था पत्र 

गृह मंत्री शाह ने मंगलवार को ट्वीट कर बताया था कि उन्होंने दोनों सदनों के नेता विपक्ष, मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी, को मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए पत्र लिखा है। इसमें शाह ने लिखा था, "केंद्र सरकार मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सभी दलों से सहयोग चाहती है। मुझे उम्मीद है कि सभी दल इस महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने में सहयोग करेंगे।"

प्रस्ताव 

केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है विपक्ष

विपक्ष मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और भारत राष्ट्र समिति (BRS) के सांसद मामा नागेश्वर राव ने केंद्र सरकार के खिलाफ अलग-अलग अविश्वास प्रस्ताव पेश किए थे। अब इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए कोई तारीख निर्धारित की जाएगी। विपक्ष का कहना है कि इस प्रस्ताव का मसकद प्रधानमंत्री को मणिपुर पर बोलने के लिए मजबूर करना है।