ब्रिटिश सांसद को निर्वासित करने का कांग्रेस सांसद ने किया समर्थन, कहा- पाकिस्तान से थी सांठगांठ
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की आलोचक ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम्स को भारत में प्रवेश की अनुमति न देने को कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने सही बताया है। डेबी को पाकिस्तान की प्रॉक्सी बताते हुए सिंघवी ने कहा कि उनका निर्वासन जरूरी था। सिंघवी का ये बयान कांग्रेस के ही सांसद शशि थरूर के उस बयान के बिल्कुल विपरीत है जिसमें उन्होंने डेबी को वीजा न दिए जाने पर सवाल उठाए थे।
वीजा रद्द होने के कारण नहीं मिली थी डेबी को प्रवेश की इजाजत
लेबर पार्टी की सांसद डेबी अब्राहम्स को सोमवार को नई दिल्ली एयरपोर्ट पर ये कहते हुए भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी कि उनका वीजा रद्द हो चुका है। इसके बाद उन्हें निर्वासित कर दिया गया। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, डेबी को पहले से ही उनका वीजा रद्द होने की जानकारी दे दी गई थी। वहीं अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में डेबी ने उनका वीजा अक्टूबर, 2020 तक मान्य होने का दावा किया था।
अनुच्छेद 370 हटाने की आलोचक रही हैं डेबी
डेबी अपने संबंधियों से मिलने निजी दौरे पर भारत आईं थीं और इसके बाद उन्हें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के दौरे पर जाना था। ब्रिटेन की संसद में कश्मीर मामलों की एक संसदीय समिति की अध्यक्ष डेबी जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मोदी सरकार के फैसले की कड़ी आलोचक रही हैं और इसे कश्मीर के लोगों के भरोसे के साथ धोखा बताया था। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने इन्हीं कारणों से वीजा रद्द होने का आरोप लगाया था।
सिंघवी ने किया निर्वासन का समर्थन
डेबी के इस आरोप के बाद मोदी सरकार पर कुछ सवाल उठ रहे थे, लेकिन अब कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंधवी ने इसका समर्थन किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'डेबी अब्राहम्स का निर्वासन जरूरी था क्योंकि वे न केवल एक सांसद हैं, बल्कि पाकिस्तानी की प्रॉक्सी भी हैं जिन्हें पाकिस्तान सरकार और ISI के साथ सांठगांठ के लिए जाना जाता है। भारत की संप्रुभता पर हमले की हर कोशिश को नाकाम किया जाना चाहिए।'
शशि थरूर ने कार्रवाई को बताया था लोकतंत्र के लिए अशोभनीय
सिंघवी का ये बयान शशि थरूर की उस प्रतिक्रिया के बिल्कुल विपरीत है जिसमें उन्होंने डेबी का वीजा रद्द करने पर सवाल उठाए थे। इसे लोकतंत्र के लिए अशोभनीय बताते हुए उन्होंने ट्वीट किया, 'अगर कश्मीर में चीजें ठीक हैं तो सरकार आलोचकों को खुद उनकी आंखों से स्थिति देखने की अनुमति क्यों नहीं दे रही है? MEP और राजनियकों के दौरे की बजाय मामले पर संसदीय समिति की अध्यक्ष का दौरा ज्यादा बेहतर होता।'
थरूर बोले- दूसरों की आलोचना करते हैं तो अपनी आलोचना सुनने के लिए भी तैयार रहे
अपने इस रुख पर उठे सवालों का जबाव देते हुए थरूर ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, 'ये विडंबना है कि जिन लोगों ने भारतीय सांसद के नाते ब्रिटेन जाकर उन्हें उनके औपनिवेशिक दुर्व्यवहार को बताने के लिए मेरी प्रशंसा की थी, वे भारत के ब्रिटेन की एक सांसद को वहीं विशेषाधिकार देने की इच्छा के लिए मुझे निशाना बना रहे हैं। अगर हम दूसरों की आलोचना कर सकते हैं तो हमें भी आलोचना सुनने के लिए तैयार होना चाहिए।'