कश्मीर: 150 दिन बाद SMS और सरकारी अस्पतालों में इंटरनेट सेवा शुरू
कश्मीर घाटी में नए साल से SMS पर लगी रोक हट गई है। 1 जनवरी से कश्मीर में SMS और सरकारी अस्पतालों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट की सेवा दोबारा शुरू कर दी गई है। पिछले साल अगस्त में सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने से पहले राज्य में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था। तब से लेकर पूरे 150 दिनों के बाद SMS और इंटरनेट सेवाएं शुरू की गई हैं। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
करगिल में पिछले सप्ताह शुरू हुई थी इंटरनेट सर्विस
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने की घोषणा की थी। इससे एक दिन पहले पूरे राज्य में मोबाइल फोन, लैंडलाइन और इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था। बीते महीनों में इनमें से कुछ पाबंदियां हटाई गई थीं, लेकिन मोबाइल इंटरनेट और प्रीपेड मोबाइल सेवाओं पर अब भी रोक जारी है। पिछले सप्ताह केवल करगिल में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं शुरू की गई थी।
कश्मीरी नेता अभी भी हिरासत में
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करते समय जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं को हिरासत में भी लिया गया था। बाद में जम्मू के नेताओं को तो रिहा कर दिया गया, लेकिन कश्मीरी नेता अभी भी हिरासत में हैं। इन नेताओं में राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्री, फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं। इन नेताओं को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में रखा गया है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है।
नेताओं की रिहाई की नहीं मिली जानकारी
हिरासत में बंद नेताओं की रिहाई को लेकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन के प्रवक्ता से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि प्रशासन परिस्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं और समय आने पर उचित कदम उठाए जाएंगे।
सोमवार को रिहा किए गए थे 5 नेता
सोमवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हिरासत में लिये गए पांच नेताओं को रिहा किया था। इन नेताओं में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) विधायक जहूर मीर, बशीर मीर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के डॉक्टर गुलाम नबी, पूर्व विधायक और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता इशफाक जब्बार और पूर्व विधायक यासीर रेशी शामिल थे। इन्हें बीते सोमवार को श्रीनगर के विधायक हॉस्टल से रिहा किया गया था। यहां अभी भी एक दर्जन से ज्यादा नेता नजरबंद हैं।
कांग्रेस नेता को घर में रहने की हिदायत
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के प्रमुख जीए मीर और पूर्व मुख्यमंत्री तारा चंद को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अपने घरों में रहने को कहा है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद नजरबंद किए गए इन नेताओं को दो महीने पहले रिहा किया गया था। अब एक बार फिर उनके घुमने-फिरने पर पाबंदी लगा दी गई है। ये नेता 31 दिसंबर से घाटी में राजनीतिक कार्यक्रमों की शुरुआत करने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उनके बाहर आने-जाने पर रोक लगा दी।