महाराष्ट्र: क्या फडणवीस सरकार ने कराई थी विपक्षी नेताओं की फोन टैपिंग?
महाराष्ट्र में चल रहे सियासी दंगल में एक बार फिर से गरमाहट आ गई है। इस बार सरकार बनाने को लेकर नहीं, बल्कि फोन टैपिंग को लेकर मामला गर्म हुआ है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने फडणवीस सरकार पर विधानसभा चुनाव के समय उद्धव ठाकरे और NCP प्रमुख शरद पवार का फोन टैप कराने का आरोप लगाया है। इसके बाद सवाल खड़ा हो गया है कि क्या वास्तव में फोन टैपिंग कराई गई थी? आइए जानें पूरा मामला।
सरकार बनाने के लिए हुई बैठकों में भी टैपिंग कराने का दावा
गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि चुनाव के बाद सरकार गठन के लिए पार्टी प्रमुखों के बीच होने वाली बैठकों में भी फोन टैपिंग कराई थी। टैपिंग के लिए स्नूपिंग सॉफ्टवेयर समझने के लिए कुछ अधिकारियों को सरकार ने इजराइल भी भेजा था। कुल मिलाकर सरकार ने अपने स्वार्थ के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया है। उन्होंने कहा कि मामले का खुलासा करने के लिए सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। जल्द ही हकीकत सामने आ जाएगी।
साइबर सेल को दिए फोन टैपिंग की शिकायतों की जांच के आदेश
गृह मंत्री ने कहा कि साइबर सेल को ऐसे नेताओं के फोन टैपिंग और स्नूपिंग की शिकायतों को देखने के निर्देश दिए हैं, जो उस समय विपक्ष में थे। इसी प्रकार उन अधिकारियों का भी पता लगाया जा रहा है जो फडणवीस सरकार में फोन टैपिंग के लिए आवश्यक सॉफ्टवेयर की ट्रेनिंग लेने के लिए इजराइल गए थे। उन्होंने कहा कि शिकायतों के आधार पर पूरी तरह से कहा जा सकता है कि नेताओं की फोन टैपिंग कराई गई थी।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी किया गृह मंत्री के आरोपों का समर्थन
गृह मंत्री देशमुख के आरोपों के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी प्रतिक्रिया देते हुए आरोपों का समर्थन किया है। राउत ने ट्वीट कर कहा, 'आपके फोन टैप हो रहे हैं...ये जानकारी मुझे भाजपा के एक वरिष्ठ मंत्री ने भी दे रखी थी। मैने कहा था- भाई साहब...मेरी बात अगर कोई सुनना चाहता है तो स्वागत है... मैं बालासाहेब ठाकरे जी का चेला हूं। कोई बात या काम छुप-छुपकर नहीं करता...सुनो मेरी बात।'
आरोपों पर फडणवीस ने दी प्रतिक्रिया
गृह मंत्री के आरोपों के बाद भाजपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने इनका खंडन किया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में किसी के फोन टैप नहीं कराए गए। फोन टैप करना महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति नहीं है। जो लोग आरोप लगा रहे हैं उनकी विश्वसनीयता को पूरा राज्य जानता है। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी सरकार को लगता है कि ऐसा कुछ किया गया था, तो सरकार जांच करा सकती है।
विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा से बढ़ गई थी विपक्षी नेताओं की तनातनी
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में लिए 21 अक्टूबर को वोट डाले गए थे और 24 को परिणाम घोषित किए गए थे। इसमें भाजपा को 105, शिवसेना को 56, NCP को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थी। भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद शिवसेना ने कांग्रेस और NCP के साथ सरकार बनाई थी। भाजपा और तीनों पार्टियों के नेताओं के बीच जोड़-तोड़ का खेल चला था। इसी को लेकर फोन टैपिंग के आरोप लगाए गए हैं।
पहले भी उठ चुका है फोन टैपिंग का मामला
महाराष्ट्र में नेताओं की फोन टैपिंग कराने का मामला पहला नहीं है। गत नवंबर महीने में भी व्हाट्सऐप के जरिए भारतीय पत्रकारों व मानव अधिकार आयोग के अधिकारियों की फोन टैपिंग का मामला उठा था। उसमे सामने आया था कि इजरायल की कंपनी NSO ग्रुप द्वारा बनाये गए पेगासस (Pegasus) स्पाईवेयर के जरिए दुनिया भर के लगभग 1,400 लोगों की जासूसी की गई थी। इसमें भारत के दो दर्जन से अधिक लोगों के नाम शामिल थे।