अनुराग ठाकुर के भाषण की प्रशंसा करने पर घिरे नरेंद्र मोदी, कांग्रेस लाई विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव
लोकसभा में मंगलवार को भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर द्वारा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की जाति पूछे जाने का मामला बढ़ता दिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक्स पर ठाकुर के भाषण की प्रशंसा करने पर कांग्रेस ने नाराजगी जताई है। इसके जवाब में पंजाब के जालंधर से कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने लोकसभा सचिव को शिकायत दी है। चन्नी ने नियम 222 के तहत प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की शिकायत दी है।
किस आधार पर की गई है शिकायत?
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी ने संसद परिसर में मीडिया से कहा कि अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में जो भाषण दिया था, उसमें कई आपत्तिजनक बातें हैं और कई बातें मान्य नहीं हैं। चन्नी ने बताया, "ठाकुर की कई बातों को लोकसभा के स्पीकर ने कार्यवाही से हटा दिया है, जो बात स्पीकर हटा देते हैं, उसे आगे बढ़ाया नहीं जा सकता, लेकिन प्रधानमंत्री ने उन बातों को एक्स पर ट्वीट करके शाबाशी दी है। इसीलिए शिकायत दी है।"
सुनिए, क्या बोले चन्नी?
प्रधानमंत्री ने अनुराग ठाकुर ने बयान पर क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को ठाकुर के भाषण के वीडियो को एक्स पर साझा कर लिखा था, 'मेरे युवा और ऊर्जावान साथी अनुराग ठाकुर का यह भाषण अवश्य सुनना चाहिए। तथ्यों और हास्य का एक बेहतरीन मिश्रण, INDI गठबंधन की गंदी राजनीति को उजागर करता है।' प्रधानमंत्री के ट्वीट पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि सदन में जाति पर व्यंग्य करना सही नहीं और प्रधानमंत्री ने भी इसे ट्वीट कर दिया, जो गलत है।
क्या है राहुल और अनुराग ठाकुर के बीच बहस का मामला?
मंगलवार को लोकसभा में अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा कि जिसको अपनी जाति की पता नहीं, वो जाति जनगणना की बात कर रहे हैं। इस बात को लेकर विपक्षी सांसदों ने आपत्ति जताई और हंगामा शुरू कर दिया। राहुल ने कहा कि वह अनुराग को माफी के लिए नहीं कहेंगे। इस दौरान स्पीकर की कुर्सी पर बैठे पीठासीन सांसद जगदंबिका पाल ने विपक्षी सांसदों को आश्वासन दिया था कि वह आपत्तिजनक टिप्पणी को हटवाएंगे।
क्या है विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव?
जब भी संसद सदस्यों द्वारा किसी अधिकार का उल्लंघन किया जाता है तो इसे विशेषाधिकार हनन कहा जाता है। ऐसे मामलों की जांच के लिए विशेषाधिकार समिति होती है। हालांकि, ये स्पीकर पर निर्भर करता है कि वो मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजते हैं या नहीं। मामले में सदन में चर्चा की जाती है। बता दें कि इससे पहले 2023 में भी कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लेकर आई थी।