पंजाब में 10वीं कक्षा तक पंजाबी अनिवार्य, उल्लंघन करने पर लगेगा 2 लाख का जुर्माना
क्या है खबर?
पंजाब में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अगुवाई वाली सरकार ने पंजाबी भाषा को लेकर बड़ा फैसला लिया है।
राज्य में कक्षा एक से 10वीं तक के सभी छात्रों के लिए पंजाबी भाषा को अनिवार्य विषय बना दिया गया है।
मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि राज्य के सभी स्कूलों में पंजाबी भाषा की पढ़ाई होगी और इसका उल्लंघन करने पर स्कूलों पर दो लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
आइए जानें पूरी खबर।
अनिवार्य
सरकारी कार्यालयों में भी पंजाबी भाषा को बनाया गया अनिवार्य
पंजाब सरकार द्वारा इसके अलावा राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में भी पंजाबी भाषा को अनिवार्य बना दिया गया है।
इसके उल्लंघन पर भी राज्य सरकार द्वारा सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री चन्नी ने इसके साथ ही यह भी आदेश दिया है कि राज्य में किसी जगह या मार्ग को दर्शाने वाले जितने भी साइन बोर्ड होंगे, उन पर भी सबसे ऊपर पंजाबी में ही लिखा जाएगा।
ट्विटर पोस्ट
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी
To promote mother tongue, Punjabi has been made a compulsory subject for all students from class I to X in Punjab. Schools to be fined upto 2 lakh for violation. Now, #Punjabi is mandatory in offices. Also, Punjabi will be written on top of all the boards in the state. 2/2
— Charanjit S Channi (@CHARANJITCHANNI) November 12, 2021
बिल
पंजाबी भाषा से जुड़े दो अहम बिल समेत 15 बिल विधानसभा में हुए पास
पंजाब विधानसभा ने गुरुवार को पंजाबी भाषा से जुड़े दो अहम बिल समेत 15 बिल पास किये।
राज्य के उच्च शिक्षा और भाषा मंत्री परगट सिंह ने विधेयक पेश किया, जिसमें 'पंजाबी और अन्य भाषा शिक्षा (संशोधन) विधेयक, 2021' और 'पंजाब राज्य भाषा (संशोधन) विधेयक 2021' हैं।
यह विधेयक पंजाबी स्कूलों में कक्षा 1-10 के छात्रों के लिए अनिवार्य विषय बनाता है और इसका पालन नहीं करने वाले संस्थानों पर 2 लाख रुपये तक के जुर्माना का प्रावधान करता है।
जुर्माना
नियम न मानने पर स्कूलों पर कितना जुर्माना लगेगा?
यदि कोई स्कूल अधिनियम के प्रावधानों या इसके तहत बनाए गए नियमों का पहली बार एक महीने से अधिक समय तक उल्लंघन करता है, तो संस्थान पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
यदि वे एक महीने से अधिक समय तक दूसरी बार उल्लंघन करते हैं, तो स्कूलों पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
इसी तरह तीसरी बार एक माह से अधिक समय तक अधिनियम का उल्लंघन करने पर स्कूलों पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
कर्मचारी
नियम न मानने पर सरकारी कर्मचारियों पर कितना जुर्माना लगेगा?
दूसरा पंजाब राज्य भाषा (संशोधन) विधेयक, 2021, अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए पंजाबी में सभी आधिकारिक व्यवसाय करना अनिवार्य बनाता है, अन्यथा भाषा विभाग, पंजाब की सिफारिशों के बाद 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
दूसरी बार उल्लंघन करने पर 2,000 रुपये तक और तीसरी बार उल्लंघन करने पर 5,000 रुपये तक का जुर्माना लगेगा।
कानून का उल्लंघन करने वाले कर्मचारी के वेतन पर संबंधित वितरण और व्यय अधिकारी द्वारा जुर्माना लगाया जाएगा।
विवाद
CBSE द्वारा पंजाबी भाषा को माइनर विषय बनाने पर हुआ था विवाद
पंजाब सरकार का यह फैसला केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा कक्षा 10वीं और 12वीं के बोर्ड में पंजाबी भाषा को माइनर विषयों की श्रेणी में रखने के फैसले के बाद आया है।
CBSE के इस फैसले का काफी विरोध हुआ था। हालांकि, इसके बाद CBSE ने सफाई दी थी कि सभी क्षेत्रीय भाषाओं को माइनर विषयों की श्रेणी में ही रखा गया है और इसे केवल परीक्षा की व्यवस्था को आसान बनाने के लिए ऐसा किया गया है।