दिल्ली ट्रैक्टर रैली में गिरफ्तार प्रत्येक प्रदर्शनकारी को दो लाख रुपये देगी पंजाब सरकार
क्या है खबर?
पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राज्य की कांग्रेस सरकार ने किसानों को अपने हक में करने के लिए बड़ा दांव खेला है।
पंजाब सरकार ने जनवरी में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली में गिरफ्तार किए गए 83 प्रदर्शनकारियों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शुक्रवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
पृष्ठभूमि
क्या है ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा का पूरा मामला?
बता दें कि शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे किसान आंदोलन में 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान अचानक से हिंसा हो गई थी और किसानों का एक धड़ा तय रास्ते से हटकर ITO होते हुए लाल किले पहुंच गया।
उस दौरान उनकी ITO और लाल किले समेत अन्य कई जगहों पर पुलिस के साथ जबरदस्त भिडंत हुई और उन्होंने कई बसों और वाहनों को निशाना बनाया। कुछ किसानों ने लाल किले पर सिख धर्म का झंडा भी फहराया था।
कार्रवाई
पुलिस ने मामले में 130 प्रदर्शनकारियों को किया था गिरफ्तार
हिंसा में दो लोगों की मौत और दर्जनों लोग घायल हुए थे। मामले को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली पुलिस ने 44 से अधिक FIR दर्ज कर करीब 130 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया था।
हालांकि, उनमें से अनेक किसान बाद में सबूतों के अभाव में अदालत से रिहा हो चुके हैं।
इस समय दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में 83 आंदोलनकारी किसान हैं। ऐसे में इन किसानों के प्रति समर्थन दर्शाते हुए मुख्यमंत्री चन्नी ने मुआवजे का ऐलान किया है।
ट्वीट
मुख्यमंत्री चन्नी ने ट्वीट कर किया मुआवजे का ऐलान
मुख्यमंत्री चन्नी ने एक ट्वीट करते हुए पुष्टि की कि उनकी सरकार दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों को मुआवजा देगी।
उन्होंने लिखा, 'तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध का समर्थन करने का मेरी सरकार के रुख को दोहराते हुए हमने 26 जनवरी, 2021 को राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर रैली करने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 83 लोगों को 2-2 लाख रुपये मुआवजा देने का फैसला किया है।'
समर्थन
किसानों का लगातार समर्थन करती आई है पंजाब सरकार
बता दें कि पंजाब सरकार किसानों का लगातार समर्थन करती आई है। राज्य को लगता है कि तीन कानून उनके किसानों के लिए उपयोगी नहीं हैं। जिनका प्रभाव विधानसभा में कानून पास कर कम किया जा सकता है।
पंजाब का आरोप है कि कृषि उपज मार्केटिंग समितियां या मंडियां निजी मंडियां बन जाएंगी और इससे राज्य सरकार को वित्तीय नुकसान होगा, जिससे ग्रामीण विकास को भी नुकसान पहुंचेगा।
हालांकि, केंद्र सरकार कानूनों को किसानों के हित में बता रही है।
सहायता
आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को भी मुआवजा दे चकी है सरकार
पंजाब सरकार ने इस साल जनवरी में किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली की सीमाओं पर विभिन्न कारणों से जान गंवाने वाले आंदोलनकारी किसानों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान कर चुकी है।
इसके तहत उक्त पीड़ित परिवारों को मदद भी दी जा चुकी है। ऐसे में अब सरकार ने लाल किला हिंसा से प्रभावित किसानों को भी मदद देने का निर्णय किया है।