पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव का तबादला, केंद्र सरकार ने दिल्ली बुलाया
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को वापस दिल्ली बुला लिया है। उन्हें 31 मई की सुबह कार्मिक मंत्रालय के दफ्तर में रिपोर्ट करने को कहा गया है।
केंद्र ने पश्चिम बंगाल सरकार से उन्हें जल्द रिलीव करने का अनुरोध किया है। 24 मई को ही केंद्र सरकार ने उनका सेवाकाल तीन महीने बढ़ाया था।
ममता बनर्जी के प्रधानमंत्री मोदी की बैठक में शामिल न होने के बाद केंद्र ने बंदोपाध्याय को दिल्ली बुलाया है।
पश्चिम बंगाल
ममता के करीबी अधिकारियों में होती है बंदोपाध्याय की गिनती
1987 बैच के IAS अधिकारी बंदोपाध्याय को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी अधिकारियों में गिना जाता है।
मुख्य सचिव के पद पर तैनात बंदोपाध्याय 31 मई को रिटायर हो रहे थे, लेकिन राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र ने उनका सेवाकाल तीन महीने बढ़ा दिया था।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि शुक्रवार को बंदोपाध्याय भी ममता बनर्जी के साथ प्रधानमंत्री मोदी की बैठक में देरी से पहुंचे थे।
जानकारी
बैठक से शुरू हुआ नया विवाद
शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी यास चक्रवात से हुए नुकसान का मुआयना करने के लिए पश्चिम बंगाल के दौरे पर गए थे।
यहां पर उनकी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दूसरे बड़े अधिकारियों के साथ बैठक होनी थी, लेकिन ममता समय पर बैठक में नहीं पहुंचीं।
जानकारी के अनुसार, ममता बनर्जी लगभग आधे घंटे की देरी से बैठक में पहुंचीं, चक्रवात से हुए नुकसान के दस्तावेज दिए और चली गईं। वो केवल 15 मिनट बैठक में रुकीं।
प्रतिक्रिया
बैठक को लेकर ममता बनर्जी ने क्या कहा?
शुक्रवार शाम लगभग 4 बजे ट्वीट कर ममता बनर्जी ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अलग से मुलाकात की है और उन्हें उन्हें जमीनी स्थिति से अवगत करा दिया।
बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं की बैठक में कोई और नेता शामिल नहीं था।
इसके बाद ममता बनर्जी मुख्य सचिव के साथ दूसरी जगहों पर चल रहे राहत कार्यों की समीक्षा के लिए जाने की अनुमति लेकर बैठक से निकल गईं।
पश्चिम बंगाल
ममता ने केंद्र से मांगा 20,000 करोड़ का पैकेज
ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को चक्रवात 'यास' के कारण राज्य को हुए नुकसान की रिपोर्ट सौंपी और प्रभावित इलाकों के पुनर्विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये का पैकेज मांगा है।
सूत्रों के अनुसार, ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री मोदी की बैठक में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी को बुलाना रास नहीं आया। गौरतलब है कि अधिकारी पहले ममता की पार्टी में थे, लेकिन विधानसभा चुनावों से पहले वो भाजपा में शामिल हो गए थे।
आलोचना
भाजपा ने ममता पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक में भाग न लेने पर भाजपा ने ममता बनर्जी की कड़ी आलोचना की है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय प्रमुख जेपी नड्डा ने ममता की आलोचना करते हुए उन पर संवैधानिक मर्यादाओं को तोड़ने और संघीय ढांचे की मूल भावना को आहत करने के आरोप लगाया।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने भी कहा कि ममता का यह कदम संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप नहीं है।