साइक्लोन यास: प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक में महज 15 मिनट ही रुकी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों को हुए एक महीना बीतने जा रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच तकरार अभी कम होती नजर नहीं आ रही है।
यही कारण है कि शुक्रवार को साइक्लोन 'यास' से प्रदेश में हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचे प्रधाानमंत्री मोदी के साथ हुई समीक्षा बैठक में बनर्जी पहले तो 30 मिनट देरी से पहुंची और फिर महज 15 मिनट बाद नुकसान के दस्तावेज थमाकर लौट गई।
प्रकरण
प्रधानमंत्री मोदी ने कलाइकुंडा एयरफोर्स बेस बुलाई थी समीक्षा बैठक
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को साइक्लोन यास से ओडिशा और पश्चिम बंगाल में हुए नुकसान का जायजा लिया था। इसको लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ कलाइकुंडा एयरफोर्स बेस समीक्षा बैठक बुलाई थी।
इसके बाद राज्यपाल जगदीप धनकड़ को समय पर बैठक में उपस्थित हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय निर्धारित समय से करीब 30 मिनट की देरी से बैठक में पहुंचे।
रवानगी
बनर्जी ने महज 15 मिनट बाद छोड़ दी बैठक
बैठक में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री बनर्जी और मुख्य सचिव बंद्योपाध्याय महज 15 मिनट बैठक में रुके। इस दौरान बंधोपाध्याय ने प्रधानमंत्री मोदी को राज्य में साइक्लोन यास से कारण हुए नुकसान के दस्तावेज सौंप दिए।
इसके बाद मुख्यमंत्री बनर्जी ने दीघा में एक अन्य बैठक होने का कारण बताया और वहां से रवाना हो गई। मुख्यमंत्री बनर्जी के प्रधानमंत्री की मीटिंग को बीच में छोड़कर जाने को लेकर राज्य में काफी चर्चा हो रही है।
बयान
प्रधानमंत्री से अनुमति लेकर छोड़ी थी बैठक- बनर्जी
इस मामले में मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, "मैं नहीं जानती थी कि प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक बुलाई है। मेरी दीघा में एक और मीटिंग थी। मैं कलाईकुंडा गई थी और प्रधानमंत्री मोदी को रिपोर्ट सौंपकर 20,000 करोड़ रुपये की मदद मांगी है। 10,000 करोड़ दीघा और 10,000 करोड़ सुंदरबन के विकास के लिए मांगे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "मैंने उन्हें राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक की जाकनारी दी थी और अनुमति लेकर निकल गई थी।"
बयान
"आप मुझसे मिलने आए, इसिलए मैं आपसे मिलने आई"
मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, "मैने बैठक के दौरान प्रधानमंत्री से कहा था कि आप मुझसे मिलने इतनी दूर आए हैं और मुझसे मिलना चाहते हैं, इसलिए मैं आपसे मिलने आई हूं। मेरे मुख्य सचिव और मैं आपकों राज्य के नुकसान की रिपोर्ट सौंप रहे हैं।"
प्रतिक्रिया
राज्यपाल धनकड़ ने मुख्यमंत्री के व्यवहार पर उठाए सवाल
मामले में राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री व अधिकारी अगर बैठक में भाग लेते तो यह राज्य व यहां के लोगों के हित में होता। विरोधात्मक रवैये से राज्य व लोकतंत्र के हितों को नुकसान पहुंचता है। मुख्यमंत्री व उनके अधिकारियों का समय पर बैठक में शामिल नहीं होना संवैधानिक नियमों के मुताबिक नहीं है।
वहीं सुवेदु अधिकारी ने कहा कि यह समय राजनीति का न होकर लोगों को राहत पहुंचाने के लिए साथ मिलकर काम करने का है।
दौरा
प्रधानमंत्री ने किया ओडिशा में हुए नुकसान का हवाई सर्वे
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा और बंगाल में यास से हुए नुकसान का हवाई सर्वे भी किया। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उनके साथ थे।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने राजधानी भुवनेश्वर में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ समीक्षा बैठक की।
इसमें मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण केंद्र सरकार दबाव में है। ऐसे में वह राहत पैकेज की मांग नहीं करेंगे। राज्य स्वयं के स्तर पर इससे निपटने का प्रयास करेगा।
राहत पैकेज
प्रधानमंत्री मोदी ने की 1,000 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा
दोनों राज्यों में हुए नुकसान का हवाई सर्वे और मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 1,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया है।
इसके अनुसार 500 करोड़ की सहायता ओडिशा को तत्काल मुहैया कराई जाएगी, जबकि शेष 500 करोड़ में से नुकसान के हिसाब से पश्चिम बंगाल और झारखंड को सहायता दी जाएगी।
दोनों राज्यों में साइक्लोन से हुए नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है और जल्द ही राशि का वितरण किया जाएगा।
जानकारी
साइक्लोन में जान गंवाने वालों को दो लाख रुपये की सहायता देगा केंद्र
इसी तरह प्रधानमंत्री मोदी ने साइक्लोन जनित हादसों में जान गंवाने वालों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का भी ऐलान किया है। इसी तरह हादसों में घायल हुए लोगों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
साइक्लोन
साइक्लोन 'यास' के कारण हुई चार लोगों की मौत
बता दें साइक्लोन 'यास' से जुड़ी घटनाओं में अब तक चार लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड में 21 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
साइक्लोंन के कारण ओडिशा में तीन और पश्चिम बंगाल में एक जने की मौत हुई है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने इस प्राकृतिक आपदा में एक करोड़ लोगों के प्रभावित होने का दावा किया है। 'टाउते' के बाद एक सप्ताह में यह दूसरा साइक्लोन है।